कोटा सुसाइड केस : छात्र ने रूम में नहीं लगने दिया था हैंगिंग डिवाइस, ऑनलाइन रस्सी मंगाकर किया डेमो
राजस्थान के कोटा में हाल ही में एक और छात्र के सुसाइड का मामला सामने आया है. अब इस मामले में छात्र के आत्महत्या करने की पुष्टि हो गई है. परिजनों द्वारा जताई जा रही आशंका को पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद खारिज कर दिया. दरअसल मौके पर मिले साक्ष्य और पुलिस की पड़ताल में साफ हुआ है कि रोहतक निवासी छात्र ने आत्मघाती कदम उठाने के लिए बाकायदा ऑनलाइन रस्सी मंगवा कर डेमो भी किया.
कुन्हाड की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के जिस हॉस्टल ‘उत्तम रेजीडेंसी’ में छात्र ने सुसाइड किया, उसके सभी 34 कमरों में लैंगिंग डिवाइस लगी है. लेकिन, कमरा नंबर 108 में हैगिंग डिवाइस नहीं थी. खुद छात्र ने डिवाइस लगवाने से इनकार कर दिया था, यदि इस इनकार का संकेत गंभीरता से लिया होता सुमित की जान बच सकती थी. वही हॉस्टल संचालक उत्तम नाटाणी ने पुलिस को बताया है कि हॉस्टल के सभी कमरों में हैंगिंग डिवाइस लगवाई थी.
इसके बावजूद कुछ कमरे जरूर बच गए थे. जिनमें 21 अप्रैल को फिर डिवाइस लगाने वाला आया. तब छात्र के रूम में भी डिवाइस लगाने के टेक्निशियन व मैनेजर गया तो उसने मना कर दिया था. तब उसने बोला था- मैं 4-5 दिन बाद घर जाने वाला हूं तो मेरे कमरे में क्यों डिवाइस लगाकर गंदगी कर रहे हैं. इसके बाद में लगा देना और 7 दिन बाद 28 अप्रैल को इसी रूम में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया.
परिजनों ने लगाया ये आरोप
परिजनों का आरोप हैं कि सुमित सुसाइड नहीं कर सकता, उसके साथ कुछ गलत हुआ है. मृतक छात्र के चाचा सुरेंद्र पांचाल ने बताया कि उसकी गर्दन पर घाव व हाथ-पैर पर भी लाल, नीले निशान थे. 5 दिन पहले बात हुई थी. रविवार को सुबह से शाम तक उन्होंने कई कॉल किए, लेकिन बात नहीं हो पाई. हॉस्टल संचालक को इस संबंध में सूचना दी, तब उसने कमरे में जाकर देखा तो हादसे का पता चला.
छात्र नीट की परीक्षा बिना कोचिंग किए दे चुका था, दूसरी बार यह कोचिंग करके परीक्षा दे रहा था. उसे किसी तरह का कोई तनाव नहीं था. इस मामले में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने की मांग की. इधर डिप्टी राजेश सोनी का कहना है कि मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया है. गर्दन पर घाव जैसा निशान शव काफी देर लटके रहने से आ जाता है, पुलिस हर एंगल पर जांच करेगी.
गेटकीपर ट्रेनिंग प्रोग्राम पर हुए सवाल खड़े
स्टूडेंट सुसाइड के इन मामलों के बाद जिला प्रशासन की ओर से हॉस्टल एसोसिएशन के साथ मिलकर हॉस्टल स्टाफ को गेटकीपर प्रोग्राम के तहत तनावग्रस्त स्टूडेंट्स की पहचान कर काउंसलिंग करवाने सहित अन्य ट्रेनिंग टिप्स देने का दावा किया गया है. लेकिन एक बार फिर कोचिंग स्टूडेंट की सुसाइड के मामले ने कोटा जिला प्रशासन पुलिस और कोचिंग संस्थानों हॉस्टल एसोसिएशन द्वारा किए जा रहे तमाम प्रयासों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
फिलहाल हॉस्टल संचालक के खिलाफ कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं होने के मामले में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. वहीं जिला प्रशासन द्वारा अब एक बार फिर हॉस्टल संचालकों को गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने की बात कही जा रही है.