कुवैत अग्निकांड: 42 शवों को लाने की तैयारी में IAF, ग्राउंड जीरो पर भारत के मंत्री, अब तक क्या-क्या हुआ

एयरफोर्स के विमान से वापस लाए जाएंगे शव
कुवैत के अधिकारी मंगाफ इलाके की एक इमारत में लगी भीषण आग में मारे गये लोगों के शवों की डीएनए जांच कर रहे हैं. भारतीय वायुसेना के एक विमान को हादसे में मारे गये भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए तैयार रखा गया है. हादसे में कुछ शव बुरी तरह से जल गए हैं. इस कारण उनकी पहचान नहीं हो रही है. वहीं, कई शव बिल्डिंग की सीढ़ियों पर भी मिले हैं.
गैस लीक होने से लगी आग!
कुेवैत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लेबर बिल्डिंग में आग क्यों लगी, इसका स्पष्ट करणों का पता नहीं चल पया है. हालांकि, मामले की जांच जारी है. स्थानीय मीडिया की ओर से आशंका जताई गई है कि गैस लीक होने से यह हादसा हुआ है. जानकारी ये भी है कि ग्रांउड फ्लोर पर करीब 2 दर्जन से अधिक गैस सिलेंडर रखे हुए थे.
NBTC ग्रुप की थी ये बिल्डिंग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिल्डिंग में रहने वाले भारतीय कामगार केरल और तमिलनाडु से थे. यह बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन सेक्टर की कंपनी NBTC ग्रुप की थी. इस बिल्डिंग के मालिक मलयाली व्यापारी केजी अब्राहम हैं. केजी अब्राहम केरल के तिरुवल्ला के बिजनेसमैन हैं.
अवैध रूप से रह रहे थे कई लोग
गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ ने बताया कि बिल्डिंग में कई लोग अवैध रूप से रह रहे थे. इसलिए आग लगने के समय भगदड़ भी मची. जिसमें कई लोगों को चोटें आईं. अफरा-तफरी के बीच कई लोग अंदर फंसे रह गए. धुएं में दम घुटने से उनकी जान चली गई. अभी मरने वालों के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है.

बिल्डिंग के मालिक की गिरफ्तारी का आदेश
कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-युसूफ अल-सबह ने बिल्डिंग के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से रियल स्टेट मालिक के लालच की वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं. ज्यादा किराए के लालच में बिल्डिंग ओनर्स एक ही कमरे में कई लोगों को ठहराते हैं. ज्यादा किराये के लिए सुरक्षा के पैमाने से समझौता किया जाता है.
कुवैत की आबादी में 70% प्रवासी
कुवैत की कुल 48 लाख आबादी में सिर्फ 30% कुवैती और 70% प्रवासी हैं. अभी करीब 10 लाख भारतीय नागरिक वहां रह रहे हैं. धीरे-धीरे बड़ी संख्या में प्रवासियों को अपनी तरफ आकर्षित करते करते कुवैत एक प्रवासी-बहुल देश बन गया है. हालांकि, आर्थिक चुनौतियों की वजह से अब वहां प्रवासी-विरोधी भावनाएं गहरा रही हैं. ऐसे में कुवैत सरकार ने लक्ष्य बनाया है कि आबादी में प्रवासियों की संख्या को 70% से कम कर के 30% पर लाना है.
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