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लातूर NEET पेपर लीक मामला, पुलिस रडार पर कुछ और शिक्षक भी, जानें कहां तक पहुंची जांच

पुलिस तेजी से इस मामले की जांच कर रही है.


लातूर:

महाराष्ट्र के लातूर NEET पेपर लीक मामले में लातूर और बीड के कुछ और शिक्षक पुलिस रडार पर हैं. इस संबंध में लातूर पुलिस बीड के दो शिक्षकों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज कर चुकी है. फिलहाल उन्हें नोटिस देकर छोड़ा गया है, लेकिन वो अब भी शक के दायरे मे हैं. जांच में पता चला है कि आरोपियों ने  NEET परीक्षा में 650 से ज्यादा अंक दिलाने के एवज में प्रति छात्र पांच लाख रुपये की डिमांड की थी. लेकिन शुरुआत में एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपये लिए थे. जानकारी में ये भी मिली है कि 14 में से एक भी छात्र ने 600 के ऊपर अंक नहीं पाए. इसलिए कुछ के पैसे वापस भी किए गए थे.

गिरफ्तार दोनों आरोपी जलील पठान और संजय जाधव के मोबाइल फोन से पुलिस को अब तक 14 एडमिट कार्ड मिले हैं. जिनमे से 8 से 9 पटना के एक स्कूल के हैं. शुरुआती जानकारी के मुताबिक ये मामला पेपर लीक का नहीं बल्कि परीक्षा केंद्र में गड़बड़ी का लगता है. क्योंकि अभी तक जो दो आरोपी पकड़े गए हैं वो एजेंट के तौर पर थे. मामले में गंगाधर अब तक की आखिरी कड़ी है. उसके पकड़े जाने के बाद इस गिरोह की अगली कड़ी का पता चल पाएगा. इसलिए पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है.

पुलिस अभी मामले वित्तीय पहलू पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और आरोपियों के  बैंक खातों और लेनदेन की जांच कर रही है.
साथ ही अपराध से अर्जित आय से खरीदी  संपत्ति, बैंक बैलेंस और नकद के संबंध में भी जांच की जा रही है.

यह भी पढ़ें :-  ग्राउंड रिपोर्ट: NEET पेपर लीक का क्या है लातूर कनेक्शन? व्हाट्सएप चैट से हुए अहम खुलासे

मामले में दो अन्य आरोपियों – इरन्ना मशनाजी कोंगलवार और गंगाधर की तलाश जारी है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि कोंगलवार मध्यस्थ के रूप में काम करता था, जो पठान और जाधव से नीट उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र एकत्र करता था. 



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