तेरी मिट्टी में मिल जावां.. इंजीनियर बन लाइफ सेट थी, लेकिन चुनी फौज, देश पर कुर्बान कैप्टन बृजेश की कहानी
शहीद सैन्य अधिकारी की मां ने कहा कि देश की सीमाओं पर तैनात भारतीय सेना के जवान ही हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि नागरिक सुरक्षित रहें. उन्होंने बताया कि बृजेश सेना की 145वीं एयर डिफेंस रेजिमेंट से थे और 10वीं राष्ट्रीय राइफल्स में प्रतिनियुक्ति पर तैनात थे. नीलिमा ने बताया कि बागडोगरा में पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद बुधवार सुबह बृजेश का पार्थिव शरीर लेबोंग स्थित उनके पैतृक घर ले जाया जाएगा.
सेना ने क्या कहा
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार शाम शुरू हुई बृजेश सहित सेना के चार जवान और एक स्थानीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के सभी जवान कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए डोडा में आतंकवाद के खिलाफ अभियान में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए प्राणों की आहुति दे दी. भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है.”
रक्षामंत्री ने क्या कहा
जानकारी के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की और जमीनी हालात तथा चल रहे अभियान के बारे में जानकारी ली. राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “डोडा (जम्मू-कश्मीर) के उरारबागी में आतंकवाद के खिलाफ अभियान में भारतीय सेना के हमारे बहादुर जवानों की शहादत पर काफी शोकाकुल हूं. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। अपने कर्तव्य के निर्वहन में जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है.” उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है. हमारे सैनिक क्षेत्र में आतंकवाद को समाप्त करने और शांति-व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.