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LIVE: NEET Supreme Court Hearing- क्‍या दोबारा होगी नीट परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई


नई दिल्‍ली:

NEET-UG Exam विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 (NEET-UG Exam) पर क्‍या आज सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा फैसला सुनाएगा?  नीट-यूजी परीक्षा से संबंधित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. यह परीक्षा पांच मई को आयोजित की गई थी. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के शहर और केंद्रवार परिणाम जारी किए थे. इसमें पेपर लीक और असामान्य अंक मिलने के आरोप हैं. ऐसे में लाखों बच्‍चों का भविष्‍य दांव पर है. मामले की सुनवाई 22 जुलाई के लिए स्थगित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को वेबसाइट पर परीक्षा केंद्रवार रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को कहा था कि वे यह बतायें कि क्या पेपर लीक इतने व्यवस्थित तरीके से किया गया था कि पूरी परीक्षा रद्द करनी जरूरी है. केंद्र सरकार ने 23 जून को मामले की जांच की जिम्मेदारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी.

याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा की दलीलें…  NTA भी मानती हैं कि लीक हुआ

याचिकाकर्ता की ओर से वकील नरेंद्र हुड्डा ने सुनवाई के दौरान कहा, “यूजी-नीट परीक्षा के रिजल्‍ट का NTA ने पूरी तरह खुलासा नहीं किया है. आल इंडिया रैंक और केंद्र के सीरियल नंबर नहीं दिए हैं. इन लोगों ने मान लिया है कि पेपर लीक हुआ, वाट्सएप पर भी हुआ है. बिहार पुलिस ने भी अदालत में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. पुलिस ने जो बयान लिए हैं, उनसे साफ है कि बैंक में जाने से पहले पेपर लीक हुआ. ये संजीव मुखिया गैंग ने किया, जो पहले भी पेपर लीक में शामिल रहा है. ये गैंग का हेंडीवर्क है. ” 
वकील हुड्डा ने दलील दी कि एनटीए ने जो रिजल्ट वेबसाइट पर प्रकाशित किया है, उसमें छात्रों के रोल नंबर तक नहीं दिए गए हैं. NTA ने रोल नंबर की जगह जो सीरियल नंबर दिए भी है, आकंडों से साफ है कि वो सीरियल नंबर भी रोल नंबर के क्रम में नहीं दिए गए है, बल्कि मनमाने तरीके से सीरियल नंबर दिए गए है. इसके चलते किसी सेन्टर विशेष के किसी रूम में एग्जाम दे रहे कैंडिडेट्स के बारे में पूरी सटीक सूचना मिल पाना संभव नहीं है. पूरी परीक्षा आयोजित करने का तरीका इतना कमजोर है कि इससे भरोसा नहीं होता और हर स्तर पर लीक की संभावना है. NTA भी मानती हैं कि लीक हुआ है, वे मानते हैं कि व्हाट्सएप पर भेजा गया. बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि लीक 4 मई को हुआ था और संबंधित बैंकों में प्रश्नपत्र जमा करने से पहले हुआ था. लीक कराना एक गिरोह का काम है, जो पहले भी ऐसे मामलों में काम कर चुका है, बिहार पुलिस को कोर्ट ने खुद कहा है कि सभी बरामद सामग्री, केस डायरी, रिपोर्ट आदि सहित सभी सामग्रियां पेश की जाएं.

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नरेंद्र हुड्डा ने अनुराग यादव के बिहार पुलिस को दिए बयान का हवाला दिया. चीफ जस्टिस ने बिहार पुलिस द्वारा  CRPC-161 के तहत बयान की जानकारी मांगी. वकील ने बताया कि 4 मई को पहला  बयान अनुराग यादव का दर्ज हुआ, उसके बाद नितेश कुमार का बयान दर्ज हुआ.

नरेंद्र हुड्डा ने अनुराग यादव के बिहार पुलिस को दिए बयान का हवाला दिया. चीफ जस्टिस ने बिहार पुलिस द्वारा  CRPC-161 के तहत बयान की जानकारी मांगी. वकील ने बताया कि 4 मई को पहला  बयान अनुराग यादव का दर्ज हुआ, उसके बाद नितेश कुमार का बयान दर्ज हुआ.  दो और लोग अमित आनंद और  सिकंदर प्रसाद ने बिहार पुलिस के सामने  बयान दर्ज कराया है. जज ने चारों लोगों के बयान को देखा. वकील नरेंद्र हड्डा ने दलील दी कि बिहार पुलिस के सामने सीआरपीसी 161 के तहत दर्ज इन चारों के बयानों से साफ है कि पेपर लीक 5 मई को परीक्षा होने से बहुत पहले ही हो गया था.

40 से ज्‍यादा याचिकाओं पर सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इनमें एनटीए द्वारा दायर याचिकाएं भी शामिल हैं. उसकी याचिकाओं में मुकदमों की अधिकता से बचने के लिए नीट-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में उसके खिलाफ लंबित मामलों को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है. एनटीए द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित तौर पर लाभान्वित होने वाले उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. हालांकि कुछ केंद्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या अधिक थी. यह डेटा 4,750 केंद्रों के 32 लाख से अधिक उम्मीदवारों का था. सुप्रीम कोर्ट इसमें कथित अनियमितताओं को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है और उसी के निर्देश पर डेटा जारी किया गया था. लाखों अभ्यर्थी परीक्षा पर न्यायालय के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं. जांच के दायरे में आए केंद्रों के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी खराब था.

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अदालत में अब तक क्‍या हुआ…?

सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित गड़बड़ी की जांच की मांग वाली याचिकाओं सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी, क्योंकि कुछ पक्षों को केंद्र और एनटीए के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं. पीठ ने कहा कि उसे जांच में हुई प्रगति पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से स्थिति रिपोर्ट प्राप्त हुई है.  शीर्ष अदालत ने आठ जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि नीट-यूजी 2024 की शुचिता का उल्लंघन किया गया है. पीठ ने कहा कि यदि पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है. 

नीट-यूजी परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिनमें 14 विदेशी शहर भी थे. इसमें 23.33 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे. नीट का प्रश्नपत्र लीक होने का खुलासा सबसे पहले पटना पुलिस ने 5 मई को परीक्षा के दिन ही किया था. शहर के शास्त्री नगर थाने में इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. बाद में मामला बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई को हस्तांतरित कर दिया गया था.

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