लोकसभा चुनाव 2024: क्या पूर्वांचल का गढ़ बचा पाएगी बीजेपी, ऐसा है सपा-कांग्रेस और बसपा का हाल

वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में पूजा-अर्चना करते पीएम नरेंद्र मोदी.
गोरखपुर को बीजेपी का परंपरागत सीट माना जाता है. इस सीट पर बीजेपी 1989 से जीतती आ रही है. वो केवल 2018 का उपचुनाव ही गोरखपुर में हारी है.इस हार के बाद बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया था. साल 2019 में बीजेपी के टिकट पर फिल्म अभिनेता रविकिशन जीते. इस बार भी वो बीजेपी के उम्मीदवार हैं.सपा ने गोरखुपर सीट जीतने के लिए पिछले सात चुनाव में पांच बार निषाद उम्मीदवार उतारे हैं. लेकिन उसे 2018 के उपचुनाव को छोड़कर कभी जीत नसीब नहीं हुई.जब सपा उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद जीते थे, वे बाद में बीजेपी के साथ चले गए.इस बार भी सपा ने रवि किशन के खिलाफ काजल निषाद नाम की एक अभिनेत्री को खड़ा किया है.वो सपा के टिकट पर विधानसभा और नगर निगम महापौर का चुनाव हार चुकी हैं.
गोरखपुर में चुनाव प्रचार करते अखिलेश यादल और प्रियंका गांधी वाड्रा.
बीजेपी के सहयोगी दलों की प्रतिष्ठा दांव पर
पूर्वांचल की लड़ाई देश के अन्य हिस्सों की तुलना में जाति पर अधिक आधारित है. इसलिए राजनीतिक दल टिकट देते समय जातीय समिकरणों का अधिक ध्यान रखते हैं.पूर्वांचल की अधिकांश सीटों पर पिछड़ी जातियों की संख्या अधिक है.इन जातियों की राजनीति करने वाली सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल जैसे दलों का आधार भी यूपी के इस इलाके में ही है.इस बार ये तीनों दल बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
सुभासपा घोसी से मैदान में है.वहां उसके उम्मीदवार अरविंद राजभर को सपा के राजीव राय से कड़ी चुनौती दे रहे हैं.वहीं निषाद पार्टी को संतकबीर नगर सीट मिली है. वहां से पार्टी प्रमुख के बेटे प्रवीण कुमार निषाद बीजेपी के सिबंल पर चुनाव मैदान में है. सपा ने पप्पू निषाद को मैदान में उतारा है.निषाद वोटों के बंटवारे की वजह से सपा की लड़ाई वहां कमजोर मानी जा रही है.
अनुप्रिया पटेल के सामने क्या है चुनौती
अपना दल (एस) मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज में चुनाव लड़ी रही है.अपना दल ने ये दोनों सीटें पिछले चुनाव में भी जीती थीं. पार्टी प्रमुख अनुप्रिया मिर्जापुर से मैदान में हैं.वहां सपा ने उनके खिलाफ भदोही से बीजेपी सांसद रमेश बिंद को उतारा है.बिंद का टिकट बीजेपी ने काट दिया था.वो अनुप्रिया के सामने कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं.वहीं बसपा ने मनीष तिवारी को टिकट देकर बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है.
वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रॉबर्ट्सगंज से अपना दल (एस) ने अपने सांसद का टिकट काट दिया है.वहां पिछली बार पकौड़ी लाल कोल जीते थे. इस बार उनका टिकट काटकर उनकी बहू रिंकी कोल को दिया गया है.रिंकी मिर्जापुर की छानबे सीट से अपना दल (एस) की विधायक हैं. उनके खिलाफ सपा ने पूर्व सांसद छोटे लाल खरवार को उम्मीदवार बनाया है.इस सीट पर अपना दल (एस) को एंटी इंनकंबेंसी का सामना करना पड़ सकता है.

वाराणसी में अजय राय के समर्थन में रोड शो करतीं प्रियंका गांधी और डिंपल यादव.
पूर्वांचल का भूगोल
पूर्वांचल उत्तर प्रदेश के 17 जिलों को मिलाकर बनता है.ये जिले हैं, गोंडा, वाराणसी, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, गाजीपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, महाराजगंज, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बलिया और सोनभद्र.इनमें लोकसभा की 21 सीटें आती हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश की इन 21 में से आठ सीटों डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में छठे चरण में मतदान हो चुका है.वहीं चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को 13 सीटों महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज में मतदान कराया जाएगा.
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