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संसद की सुरक्षा की समीक्षा के लिए समिति गठित, लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को लिखा पत्र

समिति सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करेगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों: ओम बिरला

नई दिल्ली:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सदन के सदस्यों को सूचित किया कि उन्होंने संसद परिसर में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए एक ‘‘उच्चाधिकार प्राप्त समिति” का गठन किया है. उन्होंने कहा कि समिति यह सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करेगी कि 13 दिसंबर जैसी घटनाएं दोबारा न हों.

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लोकसभा सदस्यों को लिखे एक पत्र में बिरला ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट ‘‘जल्द ही” सदन के साथ साझा की जाएगी.

लोकसभा अध्यक्ष ने पत्र में कहा, ‘‘इसके अलावा, मैंने एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का भी गठन किया है जो संसद परिसर में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगी और यह सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करेगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.”

13 दिसंबर की दोपहर को दो व्यक्ति पीला धुआं छोड़ने वाले ‘कैन’ के साथ दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष के अंदर कूद गए. शून्यकाल के दौरान सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें पकड़ा. संसद परिसर के बाहर प्रदर्शन करने के आरोप में एक युवती समेत दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक की घटना के पीछे का कारण बेरोजगारी और महंगाई हैं. सुरक्षा चूक की घटना के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से यह बात कही.

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लोकसभा चुनाव की तैयारियों के संदर्भ में गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा में चूक हुई है, लेकिन यह क्यों हुई? सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है, जिसे लेकर पूरे देश में उबाल है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के कारण हिंदुस्तान के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. राहुल गांधी ने कहा, ‘ सुरक्षा में चूक जरूर हुई है, लेकिन इसके पीछे कारण बेरोजगारी और महंगाई हैं.”

बाद में राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नौकरियां कहां हैं? युवा हताश हैं – हमें इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना है, युवाओं को नौकरी देनी है. सुरक्षा चूक ज़रूर हुई है, मगर इसके पीछे का कारण देश का सबसे बड़ा मुद्दा – बेरोज़गारी है.”

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