IAF लड़ाकू विमानों के लिए 'मेड इन इंडिया' डिजिटल मैप, पायलटों से नहीं होगी सरहद पार जाने की गलती

ऐसे डिजिटल मैप विदेश में तो बनते थे, लेकिन यह अब देश में बनने लगे हैं. (प्रतीकात्मक)
खास बातें
- अब लड़ाकू विमानों में मैन्युअल मैप की जगह डिजिटल मैप होगा
- पायलटों के लिए यह डिजिटल मैप कई मुश्किलों को आसान करेगा
- पायलट फ्लाई करेगा तो उसके सामने कॉकपिट के डिस्प्ले पर मैप होगा
नई दिल्ली :
भारत अपनी सामरिक क्षमताओं में लगातार इजाफा कर रहा है. ऐसे में उसका फोकस उपकरणों को और बेहतर बनाने पर है. यही कारण है कि अब लड़ाकू विमानों में मैन्युअल मैप की जगह डिजिटल मैप होगा. लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पायलटों के लिए यह डिजिटल मैप कई मुश्किलों को आसान करेगा. इसके जरिये पायलट को पता होगा कि वह किस लोकेशन पर हैं. साथ ही यह डिजिटल मैप पहाड़ी इलाकों में भी पायलट की राह को आसान बनाएगा. इस मैप की खासियत यह है कि इसके होते अब कोई भी पायलट गलती से सरहद पार नहीं करेगा.
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जैश के आतंकी कैम्प बालाकोट के तबाह करने के बाद जब पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने भारतीय इलाके में दुस्साहस करने की कोशिश की थी तो भारतीय वायुसेना ने करारा जवाब दिया था. आसमान में दोनों वायुसेना के फाइटर के बीच डॉग फाइट भी हुई. उसी दौरान पाकिस्तान के एफ -16 लड़ाकू विमान का पीछा करते हुए ग्रुप कैप्टन अभिनंदन एलओसी क्रॉस कर गए. अब ऐसी कोई बात ना हो इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने डिजिटल मैप बनाया है.

पहाड़ी इलाकों में करेगा पायलट को अलर्ट
अब कोई अभिनंदन रास्ता नहीं भटकेगा. जब पायलट फ्लाई करेगा तो उसके सामने कॉकपिट के डिस्प्ले पर मैप होगा. इसकी नेविगेशन की मदद से पायलट को पता रहेगा कि उसकी लोकेशन कहां हैं और वह किस दिशा आगे बढ़ रहे है ? यह देसी मैप केवल एरिया ही नही बताता बल्कि यह भी जानकारी देता है कि अगर आप पहाड़ी इलाके में है तो आपको पहले ही अलर्ट कर देता है. यह सिस्टम यह भी बता देता है कि एयरक्राफ्ट को किस ऊंचाई पर रखना है और कहां तक नीचे जा सकते हैं. इससे पर्वतीय इलाके में हादसा होने की संभावना काफी कम हो जाती है.
मेड इन इंडिया डिजिटल मैप, हर एयरक्रॉफ्ट में लगेगा
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के इंजीनियरिंग और आरएंडडी निदेशक डीके सुनील ने एनडीटीवी को बताया कि जैसे विमान आगे बढ़ता है तो डिजिटल मैप भी मूव होता है. इससे पता लगता है आप कहां है और आपका विमान कहां पर है. उन्होंने कहा कि इसका सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सब देश में बना है. यह हम हर एक एयरक्राफ्ट में लगाएंगे. सच में मामूली सा लगने वाला यह मैप वायुसेना के लिये काफी कारगर होगा हालांकि ऐसे डिजिटल मैप विदेश में तो बनते थे, लेकिन यह अब देश में बनने लगा है. यह और भी बड़ी बात है.
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