महाकुंभ: 'अखिलेश यादव जिंदाबाद' युवकों की नारेबाजी से भगदड़ के दावे का सच क्या है?
CLAIM अखिलेश यादव जिंदाबाद का नारा लगा रहे कुछ युवकों की नारेबाजी के कारण ही प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी.
FACT CHECK बूम ने पाया कि नारेबाजी कर रहे युवकों का यह वीडियो महाकुंभ में 28 जनवरी की रात लगभग डेढ़ बजे भगदड़ मचने की घटना से लगभग 44 घंटे पहले का है.
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में 28 जनवरी की देर रात भगदड़ मचने से हुए हादसे के बाद कुछ युवकों की नारेबाजी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें कुछ युवक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. यूजर्स इस वीडियो के साथ दावा रहे हैं कि इसी नारेबाजी के कारण ही महाकुंभ मेले में भगदड़ मच गई थी. बूम ने पाया कि यह दावा गलत है. युवकों की नारेबाजी का यह वायरल वीडियो 27 जनवरी 2025 की सुबह साढ़े पांच बजे का है. जबकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महाकुंभ में भगदड़ मचने की घटना 28 जनवरी की रात लगभग डेढ़ बजे हुई थी.
एक्स पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘ऐसे असामाजिक तत्वों के कारण ही कुंभ में भगदड़ का माहौल बना वीडियो में स्वयं देख सकते हैं.’
ऐसे असामाजिक तत्वों के कारण ही कुंभ में भगदड़ का माहौल बना विडियो में स्वयं देख सकते है।। pic.twitter.com/PNJFzMaPBF
— Rajat Tiwari (@rktt0R) January 30, 2025
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फेसबुक पर भी इसी दावे से यह वीडियो वायरल है.
(आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक बूम ने दावे की पड़ताल की तो पाया कि सोशल मीडिया पर कई यूजर ने इस वायरल वीडियो के कमेंट सेक्शन में वीडियो बनाने वाले दो यूजर वीरेंद्र यादव और प्रदीप यादव के सोशल मीडिया अकाउंट के स्क्रीनशॉट को शेयर किया था. नीचे दोनों स्क्रीनशॉट (पहला और दूसरा) को देखिए.
हमने वीरेंद्र यादव (फेसबुक और इंस्टाग्राम) और प्रदीप यादव के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट की पड़ताल की और चेक किया तो पाया कि यह वीडियो डिलीट किया जा चुका था. हालांकि गूगल लेंस से सर्च करने पर हमें वीरेंद्र यादव के इंस्टाग्राम अकाउंट (virendrayadav7855) पर यह वीडियो दिख रहा था, पर वीडियो डिलीट होने के कारण यह अलग से ओपन नहीं हो सका.
इसके बाद बूम ने प्रदीप यादव से संपर्क किया. प्रदीप ने हमें बताया कि वो रायबरेली के रहने वाले हैं अपने कुछ दोस्तों के साथ 26 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ मेले में गए थे, तभी उन्होंने यह वीडियो बनाया था. प्रदीप ने बूम से बताया, “यह वीडियो वीरेंद्र यादव के मोबाइल से 27 जनवरी की सुबह लगभग साढ़े पांच बजे रिकॉर्ड किया गया था. मेरे दोस्त वीरेंद्र ने उसी दिन अपने अकाउंट पर यह वीडियो शेेयर किया था. मैंने अगले दिन 28 जनवरी को अपने अकाउंट पर यह वीडियो शेयर किया था.” हालांकि प्रदीप ने हमसे आगे बताया कि उन्होंने और उनके साथी ने लोगों के कहने पर अब यह वीडियो डिलीट कर दिया है. प्रदीप ने हमसे वीडियो की मेटा जानकारी भी शेयर की. वीडियो की मेटा जानकारी के अनुसार, यह वीडियो 27 जनवरी की सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर ही रिकॉर्ड किया गया था.
गौरतलब है कि 28 जनवरी की देर रात पर मेला क्षेत्र में संगम नोज के पास मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह हादसा 28 जनवरी की देर रात लगभग डेड़ बजे हुआ था. वहीं अब तक इस हादसे का सही कारण पता नहीं चला है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ में भगदड़ मचने का कारण पता लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक न्यायिक आयोग का गठन किया है. तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग को एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. इसके अलावा संगम नोज के पास मची इस भगदड़ के साथ झूंसी के सेक्टर 21 में और फाफामऊ में बनाए गए पांटून पुल के टूटने पर इसी तरह की भगदड़ मचने की भी खबर है.
यह ख़बर मूल रूप से BOOM द्वारा प्रकाशित की गई थी, और इसे शक्ति कलेक्टिव के अंतर्गत The Hindkeshariने पुनर्प्रकाशित किया है.