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महामंडलेश्वर पायलट बाबा का निधन, वायु सेना में रहे थे विंग कमांडर

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का मंगलवार को निधन हो गया.

देश के जाने-माने संत और पंच दशनम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर ‘पायलट बाबा’ का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह महायोगी कपिल सिंह के नाम से भी जाने जाते थे. वह भारतीय वायु सेना के पूर्व विंग कमांडर और साथ ही चर्चित भारतीय आध्यात्म गुरू भी थे. हालांकि, पिछले लंबे वक्त से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था. आध्यात्म की राह पर चलने से पहले पायलट बाबा 1962 के भारतीय-चीन युद्ध और फिर 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का भी हिस्सा रहे थे. 

कपिल सिंह ने भारतीय वायु सेना में एक प्रमुख ओहदा हासिल किया था. उनके सैन्य कैरियर को उनकी वीरता के लिए जाना जाता है. उन्होंने भारत की अहम जीत में विशेष योगदान दिया था. अपने गुरु बाबा हरि के मार्ग पर चलते हुए उन्होंने आध्यात्म अपनाया था. माना जाता है कि एक घटना के दौरान उनके विमान के कॉकपिट में प्रकट होकर लैंडिंग कराने में उनके गुरु बाबा हरि ने उनकी मदद की थी. 

जब अपने गुरु से मिले थे पायलट बाबा

1962 के युद्ध के दौरान वह मिग फाइटर उड़ाते थे और तभी वह एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे. अपनी इस कहानी में वह दावा करते हैं कि जब उनसे मिग विमाग का नियंत्रण खो गया था तो तभी उनके मार्गदर्शन के लिए हरि बाबा कॉकपिट में प्रकट हुए थे और सुरक्षित लैंडिंग में उनकी मदद की थी. 

रिटायरमेंट के बाद आध्यात्म के रास्ते पर चले पायलट बाबा

33 वर्ष की आयु में वायुसेना से रिटायर होने के बाद पायलट बाबा ने आध्यात्मिक मार्ग अपनाने का फैसला लिया और पूरा जीवन आध्यात्मिक गतिविधियों को समर्पित कर दिया. उनके अनुयायी उन्हें पायलट बाबा के नाम से जानते हैं. उन्होंने देश और विदेश में कई आश्रम और आध्यात्मिक केंद्र स्थापित किए हैं. 

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पायलट बाबा के निधन से उनके अनुयायियों में शोक की लहर है जो उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. पायलट बाबा का अंतिम संस्कार हरिद्वार में होगा और उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से उनकी महासमाधि की घोषणा की गई है. 


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