शिवसेना शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर 10 जनवरी तक फैसला लें महाराष्ट्र के स्पीकर : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली:
शिवसेना शिंदे गुट अयोग्यता मामले में शुक्रवार (15 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. महाराष्ट्र स्पीकर की ओर से शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट से 3 हफ्ते का समय बढ़ाने की गुहार लगाई है.
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र स्पीकर को 10 जनवरी 2024 तक शिवसेना शिंदे गुट की अयोग्यता पर फैसला लेने को कहा है. इससे पहले कोर्ट ने स्पीकर को 31 दिसंबर तक अयोग्यता मामले पर फैसला देने के लिए कहा था.
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कोर्ट शिवसेना (उद्धव ठाकरे) पार्टी के सांसद सुनील प्रभु की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर को शिवसेना पार्टी में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा देने का मौका दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द से जल्द फैसला आना चाहिए. इसके बाद सुनवाई को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया था. 30 अक्टूबर को सुनवाई हुई और इसमें विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था. अब यह डेडलाइन 10 जनवरी तक बढ़ा दी गई है.
एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में की थी बगावत
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में पार्टी से बगावत की थी. इसके बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई. खुद मुख्यमंत्री बन गए.
शिवसेना और पार्टी के चुनाव चिह्न पर भी किया दावा
शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा कर दिया.16 फरवरी 2023 को चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया. साथ ही शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और चिह्न (तीर-कमान) को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी. उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.