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महुआ मोइत्रा घूसकांड : एथिक्स कमेटी ने रिपोर्ट को दी मंजूरी, 6 सदस्य समर्थन में थे तो 4 ने किया विरोध

नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash for Query) के आरोप में एथिक्स कमेटी ने जांच रिपोर्ट मंजूर कर ली है. संसद की एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) ने गुरुवार (9 नवंबर) को मीटिंग की. इसमें सभी सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी सांसद पेश हुए. इस मीटिंग में चेयरमैन विनोद कुमार सुनकर ने जांच रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट के समर्थन में कमेटी के 6 सदस्यों ने वोटिंग की, जबकि 4 सदस्यों ने इसका विरोध किया. 

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अब कमेटी शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास जांच रिपोर्ट भेजेगी. सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश की है.

सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के व्यवहार को अनैतिक मानते हुए उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, एथिक्स कमेटी ने अपनी 500 पेज की रिपोर्ट में लोकसभा सचिवालय से महुआ मोइत्रा के लिए कड़ी सजा की सिफारिश की है. कमेटी ने कहा कि इस पूरे मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच हो. बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से महुआ मोइत्रा के कैश लेन-देन की भी जांच की सिफारिश की गई है.

मीटिंग में रिपोर्ट रखे जाने से पहले विपक्षी सदस्य और कांग्रेस सांसद केवी वैथिलिंगम और उत्तम कुमार रेड्डी ने असहमति पत्र भेजा. दोनों ने मीटिंग में गवाहों को नहीं बुलाए जाने पर आपत्ति जताई. वहीं, बीजेपी के राजदीप रॉय ने कहा कि विपक्ष के सदस्य इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं, जबकि यह एथिक्स का मामला है. इस बीच, पिछली मीटिंग में महुआ मोइत्रा का समर्थन करने वाले बीएसपी सांसद और कमेटी के सदस्य दानिश अली ने सवाल उठाया कि कमेटी के सदस्यों के पास रिपोर्ट पहुंचने से पहले मीडिया में कैसे लीक हो गई?

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एथिक्स कमिटी के सदस्य और बीजेपी सांसद राजदीप रॉय ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा, “जो आरोप लगे हैं उसे कमेटी ने काफी गंभीर माना है. ये मामला सीधा-सीधा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. जैसे 2019 में जम्मू कश्मीर डीलिमिटेशन बिल आया था वह पहले ही लीक हो गया था और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता था. मोइत्रा को 2 नवंबर को पेशी के दौरान दो घंटे तक अपनी बात रखने का मौका मिला. लेकिन जब उनसे सवाल जवाब शुरू हुआ, तो उनके पास जवाब नहीं था और उन्होंने हंगामा कर दिया. मनी ट्रेल तो कोई जांच एजेंसी देखेगी न, हमने उसपर भी विचार किया है और अपनी अनुशंसा देंगे.”

 

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