देश

लोकसभा से निष्कासित महुआ मोइत्रा को अब खाली करना पड़ेगा सरकारी आवास, कार्रवाई शुरू: सूत्र

महुआ मोइत्रा को स्पेशल कोटे में शहरी विकास मंत्रालय ने आवास दिया था…

खास बातें

  • सरकारी आवास ख़ाली कराने के लिए शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा
  • महुआ मोइत्रा को स्पेशल कोटे में शहरी विकास मंत्रालय ने आवास दिया था
  • ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में लोकसभा से निष्कासित महुआ मोइत्रा

नई दिल्‍ली :

‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में लोकसभा से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को सरकारी आवास खाली करना पड़ेगा, इसको लेकर कार्रवाई भी शुरू हो गई है. सूत्रों के अनुसार, लोकसभा आवास समिति ने महुआ मोइत्रा को आवंटित सरकारी आवास ख़ाली कराने के लिए शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है. महुआ मोइत्रा को स्पेशल कोटे में शहरी विकास मंत्रालय ने आवास दिया था. इस बीच महुआ मोइत्रा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और लोकसभा से अपने निष्कासन को चुनौती दी. 

यह भी पढ़ें

लोकसभा की आचार समिति ने उस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया जिसमें मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ का जिम्मेदार माना गया था. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आठ दिसंबर को हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. चर्चा में मोइत्रा को खुद का पक्ष रखने का मौका नहीं मिला था.

मोइत्रा ने अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए इस फैसले की तुलना ‘कंगारू अदालत’ द्वारा सजा दिए जाने से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को, विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है. इससे पहले, आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने मोइत्रा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत पर समिति की पहली रिपोर्ट सदन में पेश की थी. 

यह भी पढ़ें :-  लोकसभा चुनाव: महाराष्ट्र की आठ सीटों पर 56.42 प्रतिशत मतदान हुआ

दुबे ने अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय के वकील जय अनंत देहाद्रई की एक शिकायत के आधार पर आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने उद्योगपति गौतम अदाणी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के बदले में लोकसभा में सवाल पूछे थे. हीरानंदानी ने 19 अक्टूबर को आचार समिति को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यों की वेबसाइट के लिए उन्हें अपना ‘लॉग-इन आईडी’ और पासवर्ड दिया था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले में पहले ही प्रारंभिक प्राथमिकी दर्ज कर चुका है.

ये भी पढ़ें:- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कल होगा शपथग्रहण, दोनों कार्यक्रमों में पीएम मोदी होंगे शामिल

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button