मालदीव सरकार को PM मोदी से बात कर भारत से माफी मांगनी चाहिए थी : पूर्व उपराष्ट्रपति अदीब
प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप के एक समुद्र तट पर बनाया गया अपना एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसके बाद मालदीव के मंत्रियों और कुछ अन्य ने उनके लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जिसके बाद सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया.
मालदीव सरकार ने मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘अपमानजनक टिप्पणी’ पोस्ट करने वाले तीन मंत्रियों को रविवार को निलंबित कर दिया और सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणियों से खुद को अलग करते हुए कहा कि ये उनकी ‘व्यक्तिगत राय है और ये सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं.’
विपक्षी नेताओं ने भारतीय नेता के खिलाफ अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की गई ‘घटिया भाषा’ की निंदा की, जिसके बाद उक्त घटनाक्रम हुआ.
टिप्पणियों को ‘अवांछनीय’ बताते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल में ये ‘अतिवादी तत्व’ हैं जो भारत को बाहर करने की मांग कर रहे हैं.
पूर्व पर्यटन मंत्री अदीब ने कहा, ‘लेकिन जब आप सरकार में होते हैं, तो आपको अधिक जिम्मेदार होना चाहिए, क्योंकि आप मालदीव के लोगों की आजीविका के लिए जिम्मेदार हैं और आपको इस तरह के मामलों में संवेदनशील होना चाहिए.’
तीन मंत्रियों के निलंबन पर सवाल पूछे जाने पर, अदीब ने कहा, ‘उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था. अधिक कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए थी और ये रविवार सुबह ही किया जाना चाहिए था, लेकिन इसमें कल रात तक विलंब किया गया.’
अदीब ने कहा, “यहां तक कि कोविड काल में भी मालदीव बचा रहा. भारतीय समर्थन और मदद के कारण अर्थव्यवस्था बची रही. इसलिए मुझे लगता है कि राष्ट्रपति को खुद प्रधानमंत्री से बात करनी चाहिए थी और इस राजनयिक संकट को सुलझाना चाहिए था.” उन्होंने कहा कि भारत कोविड के बाद मालदीव के लिए प्रमुख पर्यटन बाजार बन गया है और संकट मालदीव के पर्यटन को नुकसान पहुंचाएगा.
अदीब ने कहा, “जाहिर तौर पर इससे नुकसान होगा. जब पर्यटन को नुकसान पहुंचता है तो इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है, क्योंकि अर्थव्यवस्था भी नाजुक है और पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है. इसलिए हमें इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए और अधिक कदम उठाने चाहिए.”
राष्ट्रपति मुइज्जू को ‘चीन समर्थक’ माना जाता है. वह पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर चीन में हैं, जिस दौरान उन्हें अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के साथ बातचीत करनी है और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करना है.
अदीब ने मौजूदा सरकार को अपनी विदेश नीति को संतुलित करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, “हम एकतरफा नहीं हो सकते. हमें सभी देशों और विशेष रूप से अपने पड़ोसियों के साथ अधिक संतुलित और अधिक मैत्रीपूर्ण होना होगा, ताकि हम आगे बढ़ सकें. भारत पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और मेरा मानना है कि मालदीव को अपने आर्थिक विकास के साथ-साथ हमारे लोगों के विकास में भारत के साथ-साथ चलना चाहिए.”