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"दागी दिन": पेपर लीक पर चर्चा के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खरगे बनाम जगदीप धनखड़


नई दिल्ली:

नीट-यूजी (NEET-UG) के पेपर लीक को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव शुक्रवार को उस समय और बढ़ गया जब राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) अन्य सांसदों के साथ सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) का ध्यान आकर्षित करने के लिए सदन के वेल में चले गए. विपक्ष पेपर लीक मामले पर चर्चा की मांग कर रहा था. इसी बात को लेकर दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

जगदीप धनखड़ ने कहा कि वे “स्तब्ध और दुखी” हैं. उन्होंने दावा किया कि विपक्ष का कोई नेता इससे पहले कभी वेल में नहीं आया था. खरगे ने कहा कि उन्होंने केवल इसलिए ऐसा किया क्योंकि 10 मिनट तक हाथ उठाने के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया गया था. उन्होंने कहा कि विपक्ष के प्रति सभापति के सौतेले व्यवहार ने “भारतीय संसद के इतिहास को कलंकित किया है.”

विपक्षी दल नीट-यूजी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक के मामलों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. नीट-यूजी में गड़बड़ी से 24 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे अन्य विपक्ष दलों के सदस्यों के साथ सदन के बीचों-बीच आ गए. इस पर धनखड़ ने कड़ी आपत्ति जताई.

राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करने से पहले कहा, “आज का दिन भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा कलंकित दिन बन गया है कि विपक्ष के नेता सदन के वेल में आ गए हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. मैं दुखी हूं, मैं स्तब्ध हूं. भारतीय संसदीय परंपरा इस हद तक बिगड़ जाएगी कि विपक्ष के नेता वेल में आ जाएंगे, उपनेता वेल में आ जाएंगे.”

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बाद में जब खरगे से उनके सदन में बर्ताव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि धनखड़ उन्हें “अपमानित” करने के लिए उनकी उपेक्षा कर रहे थे.

”सभापति ने अपमान करने के लिए अनदेखा किया”

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने दावा किया, “यह वास्तव में सभापति की गलती है. मैंने संसदीय नियमों का पालन किया और 10 मिनट तक अपना हाथ उठाया, लेकिन उन्होंने मेरी ओर नहीं देखा. तब मुझे उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए बीच में जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने फिर भी मेरी ओर नहीं देखा. जब सभी सदस्य (वेल में) आ गए, तो मैं बाहर चला गया. मैं वहां रुका भी नहीं. मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन वे केवल सत्ता पक्ष की बेंचों की ओर देख रहे थे. जब मैंने अपना हाथ उठाया, तो नियमों के अनुसार उन्हें मेरी ओर देखना चाहिए था, लेकिन उन्होंने मुझे नजरअंदाज करने और मेरा अपमान करने के लिए ऐसा किया.”

उन्होंने कहा कि, “मेरे पास एकमात्र विकल्प था कि मैं अपनी सीट से चिल्लाना शुरू कर दूं. इसलिए मैं कह रहा हूं कि यह अध्यक्ष की गलती है. NEET परीक्षा में इतना बड़ा घोटाला हुआ है, पेपर लीक हो गया है, लाखों छात्र परेशान हैं. हम केवल एक विशिष्ट चर्चा की मांग कर रहे थे और छात्रों के मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे थे.”

बाद में एक्स पर एक पोस्ट में खरगे ने उपराष्ट्रपति पर विपक्ष से सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया. 

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धनखड़ के दावे का खंडन

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया पर धनखड़ के इस दावे का खंडन किया कि यह पहली बार था जब विपक्ष का कोई नेता वेल में आया.

जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में लिखा- ”यह प्रचारित किया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खरगे जी राज्यसभा में विपक्ष के पहले नेता हैं जो विरोध में सदन के वेल में आए. यादें छोटी होती हैं, खासकर तब जब पुराने प्रतिद्वंद्वी नए साथी बन जाते हैं.” 

उन्होंने लिखा कि, ”5 अगस्त 2019 को, राज्यसभा में विपक्ष के तत्कालीन नेता गुलाम नबी आजाद सभापति की पीठासीन सीट की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर बैठे थे – जो वेल का एक हिस्सा है. यह तब हुआ था जब अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर के दर्जे को पूर्ण राज्य से घटाकर केंद्र शासित प्रदेश करने के विधेयक पेश किए जा रहे थे. मुझे पता है, मैं उनके बगल में बैठा था.”

लोकसभा दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद राज्यसभा में हंगामा हुआ. सरकार की ओर से यह संकेत दिए जाने के बावजूद कि वह नीट, यूजीसी-नेट और अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक के मामलों पर चर्चा के लिए तैयार है, सदन को पहले दोपहर तक और फिर सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वह एक ऐसे मुद्दे पर चर्चा से भाग रही है जिसे उन्होंने “आपदा” करार दिया है.

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