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ममता सरकार ने बंगाल में झारखंड के वाहनों के प्रवेश पर लगाई 'नो एंट्री', इस वजह से उठाया ये बड़ा कदम


कोलकाता:

पश्चिम बंगाल ने मैथन और पंचेत डैम से अधिक पानी छोड़े जाने के चलते आई बाढ़ के कारण झारखंड से आने वाले वाहनों पर तीन दिनों तक के लिए रोक लगा दी है. बंगाल पुलिस ने 19 सितंबर देर रात को पुरुलिया-झारखंड सीमा पर सभी नाका चेकिंग प्वाइंट को सील कर दिया. सीमा सील करने की वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति हो गई है. कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइनें लगी हैं. सीमा सील करने के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  ने कहा कि अधिक पानी छोड़े जाने के कारण सीमा के पास वाली सड़के पानी में डूब गई हैं. ऐसे में हम नहीं चाहते हैं कि जो वाहन झारखंड से आ रहे हैं वो डूब जाएं. इसलिए सीमाओं को सील किया गया है. 

“डीवीसी को ठहराया जिम्मेदार”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को इस ‘‘मानव निर्मित” बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि राज्य में ऐसी स्थिति पैदा करने के लिए कोई साजिश की गई है. ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को केंद्र पर डीवीसी बांधों की सफाई करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि इस कारण पानी छोड़े जाने से राज्य के कई जिलों में बाढ़ आ गई.

“ये एक बड़ी साजिश”

डीवीसी बांध मैथन और पंचेत में स्थित हैं. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पाशकुड़ा में बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि वह निगम के साथ सभी संबंध तोड़ देंगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह बारिश का पानी नहीं है, यह केंद्र सरकार की संस्था डीवीसी द्वारा अपने बांधों से छोड़ा गया पानी है. यह मानव निर्मित बाढ़ है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र सरकार डीवीसी के बांधों की सफाई क्यों नहीं कर रही है, जहां जल भंडारण क्षमता 36 प्रतिशत कम हो गई है. इसमें एक बड़ी साजिश की गई है. हम इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे.”

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बनर्जी ने दावा किया कि डीवीसी ने इस वर्ष 5.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिससे मौजूदा संकट बढ़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दूंगी कि सभी को पर्याप्त राहत सामग्री मिले.”

BJP ने ममता सरकार को घेरा

इस बीच केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बृहस्पतिवार को बाढ़ प्रभावित पश्चिम मेदिनीपुर जिले के कुछ हिस्सों का दौरा किया और लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित की. मजूमदार ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन तीन दिन पहले भारी बारिश के कारण क्षेत्र में आई बाढ़ के बाद से फंसे लोगों तक नहीं पहुंचा है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन द्वारा कोई राहत सामग्री नहीं भेजी गई है.” उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार केवल बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन लोगों के साथ खड़ी नहीं है। हम यहां उनका साथ देने आए हैं. हम तिरपाल और कुछ खाद्य सामग्री लेकर आए हैं. (भाषा इनपुट के साथ)

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