मणिपुर हिंसा : उग्रवादियों की गोलीबारी में महिला के सिर पर लगी गोली
इंफाल:
मणिपुर के घाटी इलाके में रविवार को संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई थी. मारी गई मैतेई समुदाय की महिला की पहचान नगांगबाम सुरबाला देवी के रूप में हुई. सुरबाला देवी की आयु महज 31 साल की थी. एक सितम्बर को, लगातार जारी जातीय हिंसा ने सुरबाला देवी से उनकी जिंदगी छीन ली. सुरबाला देवी के परिवार में उनके पति और दो छोटे बच्चे थे- 14 वर्षीय महेश और 8 वर्षीय रोसिया. उनके रिश्तेदारों ने बताया कि सुरबाला देवी अपने परिवार की धड़कन थीं.
सुरबाला देवी के पति नगांगबाम इंगो, गांव के गार्ड के रूप में काम करते थे, उनकी अनुपस्थिति में सुरबाला देवी अपने दोनों बच्चों का ध्यान रखती थी. अपनी परिवार की आर्थिक मदद के लिए वो एक छोटा सा सूअर-पालन गृह और स्थानीय चावल-मदिरा बनाने की भट्टी चलाती थीं.
31 अगस्त का दिन सुरबाला देवी के लिए बेहद खास था. क्योंकि वो अपने बेटे महेश से मिलने वाली थी, जो कि लैरेनकाबी के कांगलीपाक मॉडर्न स्कूल में पढ़ता था. सुरबाला देवी के बेटे को चिकन करी पसंद थी और अपने बेटे को चिकन करी का सरप्राइज देने चाहती थी. सुरबाला देवी के बेटे महेश ने दुख भरी आवाज़ में बताया कि, “मां सुबह 11 बजे आईं और मेरे नतीजों के बारे में पूछा.” “मैंने उन्हें बताया कि मेरी छठी रैंक आई है. उन्होंने कहा कि यह ठीक है, लेकिन उन्होंने मुझे अंतिम परीक्षा के लिए और अधिक प्रयास करने के लिए कहा. मां चिकन करी और खाने की कई चीजें लेकर आई थी. सुरबाला देवी ने अपने बेटे महेश से वादा किया कि वो उनसे जल्द मिलेंगी. लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि ये उनके बेटे के साथ आखिरी पल हैं.
“पहाड़ों से गोलीबारी हो रही है”
एक सितंबर को जब सुरबाला देवी अपनी बेटी रोसिया के साथ मायके पहुंची तो गांव पर अचानक हमला हो गया. इंगो को सुरबाला का फोन आया, उसकी आवाज में डर भरा हुआ था. अपने पति को उन्होंने फोन पर बताया कि हम कोउत्रुक में हैं और पहाड़ों से गोलीबारी हो रही है. वे बम गिराने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. मैं बच्चों के साथ हूं. ये इन दोनों के बीच आखिरी बातचीत थी.
“मेरी पत्नी के साथ ऐसा क्यों हुआ”
इस हमले में सुरबाला देवी के सिर पर गोली लगी. जबकि रोसिया के हाथ पर गोली लगी. रोसिया का इलाज अभी चल रहा है. इंगो ने रोते हुए कहा कि “मेरी पत्नी के साथ ऐसा क्यों हुआ? वह सबसे दयालु और सबसे मेहनती महिला थी. उसने अकेले ही हमारे परिवार की देखभाल की. मैं उसके बिना कैसे रहूंगा? मैं अपने बच्चों की परवरिश कैसे करूंगा?”
राज्य सरकार ने कोत्रुक गांव में रविवार को हुए हमले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस के अनुसार, उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और पड़ोसी कडांगबांड के घाटी के निचले इलाकों की ओर अंधाधुंध गोलीबारी करने के साथ बम से हमले किए. इनपुट्स: सुंजू बचस्पतिमायुम
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