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Manufacturing PMI : देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दिसंबर में घटकर 18 माह के निचले स्तर पर

Manufacturing PMI: पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर का मतलब विस्तार से है. वहीं 50 से कम का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है. (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:

Manufacturing PMI In December 2023: दिसंबर में महंगाई कम रहने के बावजूद कारखाना ऑर्डर और उत्पादन में धीमी बढ़ोतरी की वजह से देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि घटकर 18 माह या डेढ़ साल के निचले स्तर पर आ गई है. एचएसबीसी इंडिया ने बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी है. एचएसबीसी इंडिया के विनिर्माण पीएमआई सर्वेक्षण से पता चलता है कि कारखाना ऑर्डर और उत्पादन में नरम वृद्धि हुई. हालांकि, आगामी वर्ष के लिए कारोबारी भरोसा मजबूत हुआ है. यह सर्वेक्षण एसएंडपी ग्लोबल द्वारा किया गया है.

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मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) दिसंबर, 2023 में घटकर 54.9 पर आ गया. यह इसका 18 माह का निचला स्तर है. नवंबर, 2023 में यह 56 के स्तर पर था. वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने के बावजूद क्षेत्र ने दिसंबर में मजबूत विस्तार दर्ज किया है. पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर का मतलब विस्तार से है. वहीं 50 से कम का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है. 

एसएंडपी ग्लोबल ने एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई करीब 400 विनिर्माताओं के खरीद प्रबंधकों को भेजी प्रश्नावली के जवाब के आधार पर तैयार किया है. एचएसबीसी की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘भारत के विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार दिसंबर में भी जारी रहा. हालांकि, पिछले महीने वृद्धि की रफ्तार धीमी रही. उत्पादन और नए ऑर्डर दोनों की वृद्धि में नरमी आई है. हालांकि, नवंबर से भविष्य का उत्पादन सूचकांक बढ़ा है.” 

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पैनल में शामिल विश्लेषकों का कहना है कि अनुकूल बाजार परिस्थितियों, मेलों और प्रदर्शनियों की वजह से दिसंबर में विनिर्माण उत्पादन बढ़ा है. दिसंबर के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में वस्तुओं के उत्पादकों की अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर प्राप्तियों में बढ़ोतरी हुई है. 

सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों को एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और उत्तरी अमेरिका से उल्लेखनीय लाभ मिला है. मूल्य के मोर्चे पर बात की जाए, तो उत्पादन लागत की वृद्धि पिछले लगभग साढ़े तीन साल में दूसरी सबसे कम दर से बढ़ी है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि आगामी साल के उत्पादन परिदृश्य को देखा जाए, तो भारतीय विनिर्माता तीन माह के लिए काफी उत्साहित हैं. विज्ञापन, बेहतर ग्राहक संपर्क और नई पूछताछ की वजह से दिसंबर में कारोबारी भरोसा बढ़ा है. 

 

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