मायावती ने भतीजे आकाश के सिर पर हाथ रखा, पीठ थपथपाई, क्या हैं इसके सियासी मायने
नई दिल्ली:
बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद की राजनीति में री-एंट्री हो गई है, अब ऐसा लग रहा है कि उन्हें जल्द ही कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. मायावती ने रविवार को एक बैठक के दौरान भतीजे आकाश आनंद के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और पीठ थपथपाई. इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. बता दें कि आकाश आनंद को मायावती का उत्तराधिकारी माना जाता है. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने आकाश आनंद को ‘अपरिपक्व’ बताकर पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया था.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती रविवार को आकाश आनंद के साथ बसपा की बैठक के लिए पहुंची थीं. इस दौरान आकाश आनंद ने मायावती के पैर छूकर आशीर्वाद लिए, जिसके बाद मायावती ने उनके सिर पर हाथ रखकर आकाश को आशीर्वाद दिया और पीठ भी थपथपाई. ऐसे में लग रहा है कि आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी मिलती नजर आ रही है. लोकसभा चुनावों के दौरान मायावती के आकाश आनंद को उत्तराधिकारी पद और नेशनल कॉर्डिनेटर के पद से हटा दिया था. अब आज की तस्वीरों के बाद इस बैठक से अलग मायने निकालने जा रहे हैं.
भतीजे आकाश आनंद ने मायावती के छूए पैर, BSP सुप्रीमो ने सिर पर हाथ रखकर दिया आशीर्वाद#Mayawati | #AkashAnand | #BSP pic.twitter.com/I5GOkGET4d
— The HindkeshariIndia (@ndtvindia) June 23, 2024
स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आकाश आनंद शामिल
लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा के नेशनल कोओर्डिनेटर के पद से हटाए गए आकाश आनंद उत्तराखंड में होने वाले उपचुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक होंगे.
दरअसल, पंजाब और उत्तराखंड में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं. बसपा ने इसके लिए अपने 13 स्टार प्रचारकों की एक सूची जारी की है, जिसमें पहले नंबर पर बसपा मुखिया मायावती का नाम है और दूसरे नंबर पर आकाश आनंद का नाम है. तीसरे नंबर पर उत्तराखंड के लिए राम जी गौतम हैं, जबकि पंजाब के लिए रणधीर सिंह बेनिवाल हैं. उत्तराखंड की दो और पंजाब की एक विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव के लिए मतदान होने हैं.
लोकसभा चुनाव में आकाश आनंद को किया था साइडलाइन
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मायावती ने विवादित बयान को लेकर आकाश आनंद को साइडलाइन कर दिया था. मायावती ने कहा था कि पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को अहम जिम्मेदारियों से अलग रखा जाएगा. चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती की पार्टी बसपा की अब यूपी में कमजोर स्थिति में है. अभी बसपा का सिर्फ एक विधायक है. बसपा ने लोकसभा चुनाव के साथ यूपी में हुए चार विधानसभा उपचुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतारे थे, हालांकि, उसे किसी भी सीट पर सफलता नहीं मिली.
(आईएएनएस इनपुट के साथ…)
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