मोदी सरकार के 9 दिन में 3 बड़े फैसले, विपक्ष को दिया करारा जवाब

नई दिल्ली:
कई मोर्चों पर विपक्ष के राजनीतिक हमलों और आरोपों से जूझ रही मोदी सरकार ने पिछले नौ दिनों में कई बड़े फैसले कर विपक्ष की मुहीम को कमज़ोर करने की कोशिश की है. बुधवार को मोदी कैबिनेट ने National Industrial Corridor Development Programme के तहत 28,602 करोड़ के 12 नए इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटीज़ (Industrial nodes/Smart Cities) सेटअप करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी. ये प्रोग्राम भारत में बुनियादी ढांचा को विकसित करने से जुड़ा सबसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य नए औद्योगिक शहरों को “स्मार्ट सिटी” के रूप में विकसित करना है.
National Industrial Corridor Development Corporation (NICDC) के CEO, रजत सैनी ने The Hindkeshariसे कहा, “NICDC ने इन 12 बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए करीब 26,000 से 28,000 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण कर लिया है. हमें उम्मीद है की इन प्रोजेक्ट्स में डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश आएगा. यह 12 नए इंडस्ट्रियल Nodes/स्मार्ट सिटीज एक नए ग्रोथ सेंटर के तौर पर विकसित होंगे। इसका अर्थव्यवस्था पर एक मल्टीप्लाई इफ़ेक्ट होगा क्योंकि जब नई इंडस्ट्रियल नोड्स और स्मार्ट सिटीज विकसित होंगे तो रेल, नए एयरपोर्ट… ट्रांसपोर्ट हब भी विकसित होंगे. हमें उम्मीद है कि कार्यान्वयन में राज्य सरकारों की पूरी मदद मिलेगी। हम इन्हें 36 महीने में 2027 तक तैयार करेंगे.”
ये नए औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड में खुरपिया, पंजाब में राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, तेलंगाना में जहीराबाद, आंध्र प्रदेश में ओरवाकल और कोप्पर्थी तथा राजस्थान में जोधपुर-पाली में स्थित होंगे.
सरकार के अहम फैसले
- 20 अगस्त, 2024 को पीएम मोदी के निर्देश पर UPSC ने सरकार में लेटरल एंट्री के विज्ञापन को वापस लिया
- 24 अगस्त, 2024 को कैबिनेट ने NPS की जगह एक नया Unified Pension Scheme (UPS) को मंज़ूरी दी. फिर
- 27 अगस्त को सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया जो इस उच्च पद पर नियुक्त होने वाले 119 साल में पहले दलित अधिकारी हैं.
“कुछ लोग UPS को लेकर भ्रान्ति फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं. हमने स्वामीनाथन समिति से निगोशिएट किया है। हम समझते हैं की मौजूदा हालात में UPS सबसे अच्छी स्कीम है. वैसे OPS सबसे बेहतर सिस्टम होता लेकिन सरकार ने अपनी असमर्थता ज़ाहिर की और कहा कि हम OPS नहीं दे सकते हैं. UPS में OPS के करीब 90% features हैं”.
हालांकि बैठक में कुछ ट्रेड यूनियन ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग दोहराई। तपन सेन, महासचिव, CITU ने The Hindkeshariसे कहा, “हम चाहते हैं कि UPS की जगह OPS को लागू किया जाये जो आज़ादी के बाद से लागू था. UPS कंट्रोब्यूटरी स्कीम है. हम चाहते हैं कि नॉन-कंट्रीब्यूटरी OPS लागू किया जाये। वर्करों के पास रिटायरमेंट के बाद कोई सोशल सिक्योरिटी स्कीम नहीं है
अब देखना अहम होगा कि सरकार देश में रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए तैयार महत्वाकांशी Employment Linked Incentive (ELI) scheme को कितनी जल्दी लागू करने की प्रक्रिया शुरू करती है.