"वो अभी भी जिंदा है…", हमास के हमले के बाद बोलीं जर्मनी की रहने वाली टैटू आर्टिस्ट की मां
नई दिल्ली:
इजरायल और हमास बीते पांच दिनों से एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. इन हमलो में इजरायल और गाजा पट्टी में बड़ी संख्या में आम नागरिकों की भी मौत हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि हमास के इस हमले में जर्मनी की टैटू आर्टिस्ट की मौत की खबर भी आ रही है. हालांकि, The Independent में छपी खबर के अनुसार इस टैटू आर्टिस्ट की मां ने दावा किया है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी बेटी अभी जिंदा है. बता दें कि जर्मनी की टैटू आर्टिस्ट इजरायल में आयोजित हो रहे म्यूजिक फेस्ट में शामिल होने आई थीं. इसी के बाद से वो लापता है.
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स्पीगल की रिपोर्ट के अनुसार, मां रिकार्डा लौक ने शानी लूक को सुरक्षित निकालने के लिए जर्मन सरकार से मदद की मांग की है. बता दें कि एक पिक-अप ट्रक के अंदर आंशिक रूप से नग्न बेहोश महिला का वीडियो वायरल हो गया, लूक को उनके विशिष्ट टैटू और ड्रेडलॉक द्वारा पहचाना गया.
लौक ने जर्मन आउटलेट बिल्ड को एक संक्षिप्त संदेश में कहा कि आपको शीघ्र कार्रवाई करनी होगी और शानी को गाजा पट्टी से बाहर निकालना होगा!. हमें अब अधिकार क्षेत्र के सवालों पर बहस नहीं करनी चाहिए!.
टैटू आर्टिस्ट की मां ने एक संक्षिप्त रिकॉर्डिंग में बताया कि अब हमारे पास और जानकारी है कि शानी जीवित है, लेकिन उसके सिर पर गंभीर चोट है और उसकी हालत गंभीर है. हर मिनट महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हम जर्मन सरकार से मांग करते हैं कि वह जल्दी कार्रवाई करे. यह वास्तव में जर्मनी के पूरे देश से मेरी हताश अपील है कि वे मेरी शानी को स्वस्थ होकर घर वापस लाने में मेरी मदद करें.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पहले यह बताया गया था कि टैटू कलाकार के साथ बलात्कार किया गया और हमलावरों ने उसके नग्न शरीर को अपने ट्रक में घुमाने से पहले उसकी हत्या कर दी. लूक संगीत समारोह में भाग ले रही थीं और सोशल मीडिया पर क्लिप में लूक को हमास समूह द्वारा अचानक हमला करने से कुछ घंटे पहले अपने दोस्तों के साथ नाचते और गाते हुए दिखाया गया था.
इस फेस्टिवल में कई और लोगों ने भी हिस्सा लिया था. इनमे से ही एक शरवित ने The Hindkeshariसे बताया था कि वह अपने डेढ़ महीने के बच्चे को घर पर छोड़कर फेस्टिवल में गई थीं. हमले को देखते ही जब वह अपनी जान बचाकर भाग रहे थे तो उनके मन में सिर्फ यही ख्याल आ रहा था कि उनके बच्चे की देख रेख कौन करेगा.हमास के लड़ाके हर तरफ से गोलियां बरसा रहे थे. हर तरफ रॉकेट बरस रहे थे और उनको भविष्य अंधरारमय दिखाई दे रहा था.शरवित ने बताया कि बच्चे का ख्याल मन में आते ही उन्होंने दौड़ना शुरू कर दिया. जब तक उनमें हिम्मत थी वह भागती रहीं और अंत में जमीन पर गिर गईं और रोने लगीं, उस समय उनको समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर करना क्या चाहिए.
शरवित ने बताया कि वह अपने पति और दो दोस्तों के साथ भाग तो रही थीं लेकिन पता नहीं था कि जाना कहां है. 15 लोगों के साथ वे लोग एक मोशाव या बस्ती में पहुंचीं. वह अभी भी गाजा के रॉकेट हमलों को लेकर डरी हुई थीं. फिर वे लोग बीयर शेवा में सुरक्षित पहुंच गए. उनके माता-पिता उनको लेने पहुंचे.
इस तरह से वह और उनके दोस्त वहां से सुरक्षित निकलने में कामयाब हो गए. वे लोग चार घंटे तक एक झाड़ी के नीचे छिपे रहे. अपने सामने उन्होंने दो लोगों का कत्ल होते हुए और बंधक बनाए जाते देखा. जिंदा रहने के लिए शरवित ने ईश्वर का आभार जताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी के दौरान अपने दोस्तों को मरते और परिवारों को खत्म होते हुए देखा. ऊपर वाले के करम से वह बच गए.