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मौनी अमावस्या आज… संगम में डुबकी लगाने से पहले जानें ये जरूरी सुरक्षा नियम

महाकुंभ 2025 के मौनी अमावस्या के पावन मौके पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है. इस अवसर पर लाखों लोग गंगा-संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हैं और मेला प्रशासन ने उनकी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. अनुमान है कि आज करीब 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचेंगे. चारों ओर श्रद्धालुओं का उल्लास और भक्ति का माहौल है. यहां युवा से लेकर बुजुर्ग तक हर-हर महादेव के जयकारे के साथ नाचते-गाते नजर आ रहे हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार ने मौनी अमावस्या के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने के मद्देनजर यहां एक हजार से अधिक चिकित्साकर्मियों को तैनात किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेले के हर सेक्टर में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.

190 विशेष ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय
रेलवे ने मौनी अमावस्या के महाकुंभ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए 190 विशेष ट्रेनों समेत कुल 360 ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी मंगलवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार ने दी. 

अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की सलाह
मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए मेला प्रशासन ने खास तैयारी की है. श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है. इसके अलावा आपात स्थिति में मेला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और स्पेशल डॉक्टरों की टीम श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 24 घंटे तैनात की गई है.

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इन नियमों का करें पालन

  • संगम घाट पहुंचने के लिए अलग-अलग लेन से ही जाएं
  • गंगा स्नान के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें
  • आने वाले श्रद्धालु स्नान और दर्शन करने के बाद सीधे पार्किंग की ओर जाएं
  • मंदिरों में दर्शन के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें, वहां से अपने गंतव्य स्थान के लिए प्रस्थान करें
  • जरूरत पड़ने पर पुलिस का सहयोग लें, पुलिस आपकी मदद के लिए है
  • ट्रैफिक पुलिस भी आपकी मदद के लिए तत्पर है
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर नजदीकी सेक्टर में बने हॉस्पिटल में जांच कराएं
  • बैरिकेडिंग और पांटून पुलों पर धैर्य बनाए रखें, जल्दबाजी और धक्कामुक्की से बचें
  • कागज, जूट या इको फ्रेंडली बर्तनों और कुल्हड़ों का ही प्रयोग करें
  • सभी घाट संगम घाट हैं, जिस घाट पर पहुंच जाएं, वहीं स्नान करें
  • श्रद्धालु कहीं एक साथ एक स्थान पर न रुकें
  • किसी भी स्थिति में आने और जाने वाले श्रद्धालु आमने-सामने न पड़ें
  • मेले में किसी के द्वारा फैलाई गई अफवाहों से बचें
  • सोशल मीडिया पर फैलाए गए किसी भी भ्रम को सच न मानें
  • मंदिरों में दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की हड़बड़ी न दिखाएं
  • होल्डिंग एरिया के बजाय रास्तों पर न रुकें, किसी तरह का अवरोध न उत्पन्न करें
  • व्यवस्था या सुविधा को लेकर किसी के भी बहकावे में आने से बचें
  • किसी प्रकार की भ्रामक खबरों को आगे बढ़ाने से बचें
  • पवित्र स्नान के लिए किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें
  • प्लास्टिक की पन्नियों और बर्तनों के इस्तेमाल से बचें

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर दूसरे अमृत स्नान की तिथि  
माघ माह में अमावस्या की तिथि 28 जनवरी, मंगलवार को रात 7 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 29 जनवरी, बुधवार को शाम 6 बजकर 5 मिनट तक है. सूर्योदय के अनुसार अमावस्या की तिथि 29 जनवरी को है. माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. वहीं, मौनी अमावस्या के दिन सिद्धि योग का भी निर्माण होने जा रहा है.  29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन में प्रात: काल 5 बजकर 25 मिनट से सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त है. इस दौरान संगम स्नान और दान बहुत फलदाई होगा. इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं बन रहा है. दोपहर को 2 बजकर 22 मिनट से 3 बजकर 5 मिनट तक विजय मुहूर्त का निर्माण हो रहा है. शाम को 5 बजकर 55 मिनट से 6 बजकर 22 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त है. इन मुहूर्त में भी स्नान और दान करना उत्तम रहेगा. हालांकि इस दिन सुबह 11 बजकर 34 मिनट से 1 बजकर 55 मिनट तक राहुकाल लगने वाला है. हिंदू धर्म में राहुकाल में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं. इसलिए इस समय स्नान और दान ना करना ही अच्छा होगा.

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प्रयागराज पुलिस-प्रशासन ने जिले में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कड़ी कर दी है. इसके अलावा प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शहर में जगह-जगह होर्डिंग्स भी लगवाए गए हैं, जिनमें महाकुंभ मेला क्षेत्र की ओर जाने वाले मार्ग के बारे में जानकारी दी गई. इसके साथ ही प्रयागराज रेलवे स्टेशन से कुंभ मेला की ओर जाने वाले मार्ग की तमाम गली और मोहल्लों की सड़कों को सील कर दिया गया है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या का स्नान काफी शुभ माना जाता है, इसलिए लाखों की तादाद में लोग संगम नगरी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए लगातार पहुंच रहे हैं. रविवार को जहां 1.74 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया तो वहीं सोमवार को रात 8 बजे तक 1.55 करोड़ श्रद्धालुओं ने पावन डुबकी लगाई। इसके साथ ही महाकुंभ में अब तक स्नानार्थियों की कुल संख्या 14.76 करोड़ हो गई. 



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