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MPC Meeting 2023: आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, 6.5 प्रतिशत पर बरकरार

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das)  द्वारा MPC बैठक में किए गए फैसलों की घोषणा की गई. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • RBI ने रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा
  • लगातार पांचवी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
  • वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर अनुमान 5.4 प्रतिशत

नई दिल्ली:

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक (MPC Meet) 6 दिसंबर को शुरू हुई. आज यानी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das)  द्वारा बैठक में किए गए फैसलों की घोषणा की गई. RBI ने रेपो रेट (Repo Rate) को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है. वहीं ,खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर स्थिर रखा है.

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लगातार पांचवी बार है जब ब्याज दरों में  कोई बदलाव नहीं

यह लगातार पांचवी बार है जब ब्याज दरों में  कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसका मतलब है कि आपके होम लोन, कार लोन विभिन्न लोन पर की ईएमआई (EMI) में कोई बदलाव नहीं होगा.

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है.” 

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है.

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वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत: शक्तिकांत दास

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, हमारी बुनियाद सुदृढ़ है. ‘जीएसटी संग्रह, पीएमआई (परजेचिंग मैनेजर इंडेक्स) जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े मजबूत बने हुए हैं. इन सबको देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है.”

आरबीआई ने पहले वृद्धि दर 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा गया है.

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