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घरों के मामले में मुंबई दुनिया का तीसरा सबसे महंगा शहर, जानें इस लिस्ट में दिल्ली का है कौन सा नंबर

मुंबई में 1 बीएचके मकान का किराया 50-70 हजार पहुंचने के एक महिला वकील के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट के बाद मुंबई में महंगे घरों और किराए को लेकर चर्चा गर्म हो गई थी कि कीमतें आसमान छू रही हैं. अब विश्व के सबसे महंगे मकान की कीमतों वाले 44 शहरों की लिस्ट में मुंबई टॉप 3 पर है. राजधानी दिल्ली को पांचवां स्‍थान मिला है. ग्लोबल रियल एस्टेट कन्सलटेंसी कंपनी नाइट फ्रैंक (Knight Frank) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दुनिया के ऐसे 44 शहरों की लिस्‍ट जारी की गई है, जहां घर की कीमतों में सबसे ज्‍यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 

मुंबई में आशियाना आसान नहीं है. यह कहावत बड़ी पुरानी है. अब महंगे मकान की ग्लोबल रैंकिंग में मुंबई रेस लगा रही है. इस साल जनवरी-मार्च के दौरान घर की कीमतों में बढ़ोतरी के मामले में वैश्विक स्तर पर टॉप 44 शहरों में मुंबई तीसरे स्थान पर है. 

ग्लोबल रियल एस्टेट कन्सलटेंसी कंपनी नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 के जनवरी से मार्च के बीच घरों की कीमतों में बढ़ोतरी के मामले में दुनिया के टॉप 44 शहरों में मुंबई तीसरे और दिल्ली पांचवें स्थान पर है. हालांकि, जनवरी-मार्च 2023 में मुंबई छठे और दिल्ली 17वें पायदान पर था.

बेंगलुरु की रैंकिंग में आई है गिरावट 

नाइट फ्रैंक की प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स क्यू1, 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में मार्च तिमाही में प्रमुख रेजिडेंशियल सेग्‍मेंट की कीमतों में 11.5 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हुई है.

2024 की पहली तिमाही में बेंगलुरु की रैंकिंग में गिरावट आई है और इसी के साथ यह 17वें स्थान पर पहुंच गया है. साल 2023 की पहली तिमाही में बेंगलुरु 16वें पायदान पर था. जनवरी-मार्च में बेंगलुरु में घरों की कीमतों में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

सबसे महंगे मकानों में मनीला टॉप पर 

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महंगे मकानों के मामले में मनीला दुनिया के 44 देशों में पहले पायदान पर है. इस देश में घरों की कीमतों में सालाना 26.2 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि जापान की राजधानी टोक्यो दूसरे स्थान पर है. 

टोक्यो में घरों की कीमतों में सालाना 12.5 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

नाइट फ्रैंक का प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स एक मूल्यांकन-आधारित सूचकांक है, जो अपने ग्लोबल रिसर्च नेटवर्क से आंकड़ों का इस्तेमाल करके दुनियाभर के 44 शहरों में प्रमुख रेजिडेंशियल कीमतों की चाल पर नजर रखता है.

आखिर क्‍यों बन रहा है पॉजिटिव माहौल?

नाइट फ्रैंक के नेशनल डायरेक्टर रिसर्च विवेक राठी बताते हैं कि विश्व स्तर पर प्राइम प्रॉपर्टी खरीदने को लेकर पॉजिटिव माहौल है. मुंबई-दिल्ली के अच्छे प्रदर्शन को देखें तो बड़ी वजह यही है कि प्रॉपर्टी की डिमांड बहुत मजबूत हुई है, लेकिन प्रीमियम सेग्‍मेंट में अभी भी सप्‍लाई नहीं आई है. प्रॉपर्टी खरीदने को लेकर ग्राहकों का आउटलुक भी पॉजिटिव है. उन्‍होंने कहा कि इन 44 शहरों के ग्लोबल इंडेक्स में 4 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई है, जो स्‍ट्रांग ग्रोथ को दर्शाता है.  

राठी बताते हैं कि लगातार पंद्रह साल चली एक ही सरकार में स्थिरता को देखते हुए रियल एस्टेट और हाउसिंग सेक्टर में निवेश के मामले में सकारात्मक असर और दिलचस्पी दिखेगी.

राठी ने कहा कि यह जरूर है कि जो पॉलिसी कंटिन्‍यू होती है, उस वजह से कॉर्पोरेट इंवेस्‍टमेंट खासतौर से कॉमर्शियल रियल एस्टेट पर प्रभाव दिखते हैं. उन्‍होंने कहा क‍ि केंद्र में पंद्रह साल एक ही सरकार चले तो उससे काफी कंफर्ट आएगा और भागीदारी बढ़ेगी. 

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रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के लिए मजबूत मांग में मुंबई-नई दिल्ली की रैंकिंग में सुधार मोटे तौर पर आर्थिक स्थितियों में अच्छे संकेत देता है.

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