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मेरे पिता ने मुसलमान को CM बनाने के लिए… जमीयत के इफ्तार पार्टी बहिष्कार पर चिराग का छलका दर्द


पटना:

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर आयोजित ‘इफ्तार’ पार्टी का जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) द्वारा बहिष्कार किए जाने के फैसले पर रविवार को विरोध जताया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख अरशद मदनी ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा था कि विरोधस्वरूप जमीयत उलेमा-ए-हिंद नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे स्वयंभू धर्मनिरपेक्ष नेताओं द्वारा आयोजित इफ्तार, ईद मिलन और ऐसे अन्य समारोहों में भाग नहीं लेगा.

मदनी ने इन नेताओं पर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचारों पर चुप रहने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि ‘‘वक्फ विधेयक पर उनके अस्पष्ट रुख से उनका कपट स्पष्ट हो गया है.”

सोमवार को अपनी पार्टी द्वारा आयोजित किए जा रहे ‘इफ्तार’ की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे चिराग पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं मदनी साहब का बहुत सम्मान करता हूं. मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं. लेकिन, मैं उनसे आग्रह करूंगा कि वे इस बात पर थोड़ा विचार करें कि क्या राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसे हमारे विरोधी जो खुद को मुसलमानों का पैरोकार मानते हैं, क्या अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा करने में सफल हुए हैं?’

हाजीपुर के सांसद ने कहा कि ‘मेरे दिवंगत पिता और राजनीतिक गुरु रामविलास पासवान ने एक बार अपना पूरा राजनीतिक जीवन दांव पर लगा दिया था. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बिहार का मुख्यमंत्री एक मुसलमान बने.’

चिराग पासवान ने राजग में अपने साथी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर किये जा रहे व्यक्तिगत हमलों पर भी नाराजगी जताई, जिनके ‘मानसिक स्वास्थ्य’ और बिहार पर शासन की उनकी क्षमता पर हाल के दिनों में बात की जा रही है. हालांकि चिराग ने कुमार की अपराध की घटनाओं को रोकने में असमर्थता पर चिंता व्यक्त की. नीतीश कुमार के पास गृह विभाग भी है.

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चिराग पासवान ने दलितों, विशेषकर पासवान समुदाय के खिलाफ लक्षित हमलों को भी रेखांकित किया और दावा किया कि ये हमले राजनीति से प्रेरित हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव बस कुछ ही महीने दूर हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘दुर्भाग्य से, मेरी पार्टी की राज्य विधानसभा में उपस्थिति नहीं है और वह यहां सरकार का हिस्सा नहीं है. हस्तक्षेप करने की हमारी क्षमता सीमित हो सकती है. लेकिन मैं लगातार मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं.’

वहीं, वक़्फ़ बिल के खिलाफ़ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है. 26 मार्च को पटना में जबकि ,29 मार्च को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में विधानसभा के सामने प्रदर्शन की बात कही गई है.  मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि वो जेडीयू और टीडीपी को संदेश देना चाहती है कि अगर ये पार्टियां बिल का विरोध नहीं करती हैं तो उन्हें मुसलमानों का वोट नहीं मिलेगा. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक़ पटना के विरोध प्रदर्शन में नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया है.


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