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मेरी मां शेख हसीना अब शायद राजनीति में नहीं लौटेंगी… बांग्लादेश हिंसा पर बोले बेटे साजिब वाजेद


ढाका:

बांग्लादेश में हालात तेजी से बेकाबू हो रहे हैं. आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के हिंसक रूप में तब्दील होने के बाद सोमवार को शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. हसीना (Sheikh Hasina) ने अपनी बहन के साथ देश छोड़ दिया है. उनके लंदन जाने की संभावना जताई जा रही है. बांग्लादेश की आर्मी ने सरकार की कमान संभाल ली है. आर्मी चीफ ने कहा कि बांग्लादेश में जल्दी ही अंतरिम सरकार का गठन होगा. इस बीच शेख हसीना के बेटे साजिब अहमद वाजेद जॉय (Sajeeb Wajed Joy) का बयान सामने आया है. साजिब अहमद वाजेद ने कहा कि उनकी मां शेख हसीना शायद अब बांग्लादेश की राजनीति में नहीं लौटेंगी.

BBC वर्ल्ड सर्विस के प्रोगाम ‘न्यूज़आवर’ से बातचीत में साजिब अहमद वाजेद ने बताया कि उनकी मां ने रविवार को ही पीएम पद छोड़ने का मन बना लिया था. देश में बदलाव लाने के उनकी कोशिशों के बाद भी प्रदर्शन हो रहे हैं. सरकार के खिलाफ मजबूत जनभावना से निराश होकर उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया.” वाजेद, पीएम रहते हुए शेख हसीना के चीफ एडवाइजर भी रह चुके हैं.

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उन्होंने बताया, “मेरी मां 70 के पार हो चुकी हैं. मेहनत के बावजूद थोड़े से लोगों ने उनके खिलाफ बगावत कर दी. मेरे ख्याल से अब वो वापसी नहीं करेंगी.”

वाजेद ने कहा, “जब मेरी मां शेख हसीना ने बांग्लादेश की कमान संभाली, तो मुल्क में कई पॉजिटिव बदलाव हुए. जब उन्होंने सत्ता संभाली, तब बांग्लादेश को एक असफल देश माना जाता था. ये एक गरीब देश था. लेकिन आज बांग्लादेश एशिया के उभरते हुए देशों में गिना जाता है.”

बांग्लादेश में पिछले महीने आरक्षण को लेकर विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ. देखते ही देखते इसने हिंसक रूप ले लिया. हिंसा में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं. 

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शेख हसीना के आलोचकों ने उन पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नागरिक स्वतंत्रता में कटौती का आरोप लगाया है. लोगों का आरोप है कि हसीना की नीतियों ने देश की तरक्की और आर्थिक प्रगति को नुकसान पहुंचाया है.

हालांकि, वाजेद ने बांग्लादेश की सरकार पर छात्रों के खिलाफ दमन के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा “अकेले रविवार को ही 13 पुलिस वालों को भीड़ ने पीट-पीट मार डाला. ऐसे में आप पुलिस से क्या उम्मीद करते हैं?”

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