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मुस्लिम बाहुल्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नरेन्द्र मोदी ने तीन तलाक का मुद्दा उठाया

सहारनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा,”भाजपा सरकार ने सालों से चली आ रही तीन तलाक की कुप्रथा का अंत किया है…हमने कड़ा कानून बनाकर करोड़ों मुस्लिम बहनों के हित में काम किया. उनके परिवार को पुनर्स्थापित किया. …अब कुछ लोग कभी-कभी कहते हैं कि उत्साह में मोदी ने जो तीन तलाक खत्म किया है, इससे मुस्लिम महिलाओं को लाभ हुआ है. मैं समझता हूं कि उनको पूरी समझ नहीं है…. इससे सिर्फ मुस्लिम महिलाओं का भला हुआ है, ऐसा नहीं है .”

मोदी ने कहा कि कोई भी मुस्लिम महिला किसी की बेटी होती है, किसी की बहन होती है…और जब माता-पिता बेटी को शादी करवाकर ससुराल भेजते हैं, कितने बड़े सपने देखकर भेजते हैं…लेकिन मन में चिंता रहती है कि कहीं दामाद नाराज हो जाएं और तीन तलाक बोल दें और अगर बेटी घर वापस आ जाए तो पूरा परिवार तबाह हो जाएगा.

उन्होंने कहा,‘‘ ..भाई को चिंता रहती है कि अगर बहन वापस आ जाए तो क्या होगा, मां को चिंता रहती है…इस के लिए तीन-तलाक की परंपरा को खत्म करके, हमने पूरे मुस्लिम परिवार को बचाया है…उसे लटकती तलवार से मुक्ति दिलवा दी है. आने वाली सदियों तक मुस्लिम बेटियां मोदी को आशीर्वाद देती रहेंगी .”

प्रधानमंत्री का यह भाषण इस मायने में महत्वपूर्ण है कि सहारनपुर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोकसभा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी मुस्लिम आबादी वाले लोकसभा क्षेत्र– रामपुर (42 प्रतिशत), अमरोहा (32 प्रतिशत), सहारनपुर (30 प्रतिशत), बिजनौर, नगीना और मुरादाबाद (28 प्रतिशत प्रत्येक), मुजफ्फरनगर (27 प्रतिशत), कैराना और मेरठ (23 प्रतिशत प्रत्येक) और संभल (22 प्रतिशत) हैं.

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इसके अलावा, बुलंदशहर, बागपत और अलीगढ़ में मुस्लिम मतदाता चुनावी आबादी का 19 प्रतिशत हैं.

उत्तर प्रदेश में लगभग 15.34 करोड़ लोग मतदाता हैं . उत्तर प्रदेश 80 लोकसभा सीट के साथ राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य है जहां 19 अप्रैल से सात चरणों में चुनाव होंगे.

चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, पहले चरण में 19 अप्रैल को आठ संसदीय क्षेत्रों में मतदान होगा. ये हैं सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (अजा), मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत.

2019 के आम चुनाव में, भाजपा ने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की चुनौती को दरकिनार करते हुए 62 सीट जीतीं और उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने दो सीट जीतीं.

गठबंधन में 10 सीट के साथ बसपा को सबसे ज्यादा फायदा हुआ था. अखिलेश यादव की सपा ने पांच सीट जीती थीं जबकि रालोद चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी.

कांग्रेस ने एकमात्र रायबरेली सीट जीती थी, जहां से सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा था.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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