NEET पेपर लीक मामला : सीबीआई को मिली लातूर के आरोपियों की कस्टडी
नई दिल्ली:
लातूर NEET पेपर लीक केस में गिरफ्तार दोनो आरोपियों की कस्टडी सीबीआई को मिली. लातूर की अदालत ने आरोपी जलील पठान और संजय जाधव को 6 जुलाई तक सीबीआई हिरासत में भेजा. इसके पहले दिन में लातूर की अदालत में सीबीआई की अर्जी पर लंबी बहस चली. सीबीआई ने जहां केस ट्रांसफर होने का हवाला देकर आरोपियों की कस्टडी देने की मांग की वहीं बचाव पक्ष ने आरोपियों की कस्टडी का विरोध किया.
14 एडमिट कार्ड मिले
पुलिस के मुताबिक दोनो के मोबाइल फोन गैलरी में NEET की परीक्षा के 14 एडमिट कार्ड मिले हैं जिसमे से 8 से 9 पटना के स्कूल के हैं जबकि बच्चे लातूर और बीड जिले के रहने वाले हैं. आरोप है कि दोनो NEET परिक्षा में 650 अंक से ज्यादा दिलाने के लिए प्रति छात्र 5 लाख का सौदा किया था और फिर उनकी जानकारी धाराशिव के आईटीआई संस्था में सुपरवाइजर इरन्ना कोनगलवार और दिल्ली के गंगाधर को भेजते थे.
प्रति छात्र 5 लाख का सौदा
आरोप है कि दोनो पेपर लीक केस में एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे.पुलिस के मुताबिक दोनो के मोबाइल फोन गैलरी में NEET की परीक्षा के 14 एडमिट कार्ड मिले हैं जिसमे से 8 से 9 पटना के स्कूल के हैं जबकि बच्चे लातूर और बीड जिले के रहने वाले हैं. आरोप है कि दोनो NEET परिक्षा में 650 अंक से ज्यादा दिलाने के लिए प्रति छात्र 5 लाख का सौदा किया था और फिर उनकी जानकारी धाराशिव के आईटीआई संस्था में सुपरवाइजर इरन्ना कोनगलवार और दिल्ली के गंगाधर को भेजते थे.
7 दिन की कस्टडी में लातूर पुलिस पूछताछ कर चुकी है
आरोप है कि दोनो पेपर लीक केस में एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे. बचाव पक्ष के वकील बलवंत जाधव ने दलील दी कि उनके मुअक्किल जिला परिषद के शिक्षक हैं. उनका NEET परीक्षा व्यवस्था से कोई संबंध नही है ना तो वो मॉडरेटर हैं, ना ही वो मार्क शीट बनाते हैं और ना ही कंप्यूटर ऑपरेटर हैं इसलिए इनका NEET पेपर लीक से कोई संबंध नही है.
बचाव पक्ष ने ये भी दावा किया कि आरोपियों से पहले ही 7 दिन की कस्टडी में लातूर पुलिस पूछताछ कर चुकी है. उनके मोबाइल फोन और सारे दस्तावेज पुलिस के पास हैं इसलिए और फिजिकल कस्टडी की कोई जरूरत नहीं है.
लातूर पुलिस ने महाराष्ट्र की एटीएस की शिकायत पर 23 जून को एफआइआर दर्ज किया था . मामले में जिला परिषद स्कूल के एक हेड मास्टर जलील पठान और जिला परिषद सदस्य स्कूल के शिक्षक संजय जाधव को गिरफ्तार किया था.
पुलिस के मुताबिक दोनो के मोबाइल फोन गैलरी में NEET की परीक्षा के 14 एडमिट कार्ड मिले हैं जिसमे से 8 से 9 पटना के स्कूल के थे जबकि बच्चे लातूर और बीड जिले के रहने वाले हैं. आरोप है कि दोनो NEET परिक्षा में 650 अंक से ज्यादा दिलाने के लिए प्रति छात्र 5 लाख का सौदा किया था और फिर उनकी जानकारी धाराशिव के आईटीआई संस्था में सुपरवाइजर इरन्ना कोनगलवार और दिल्ली के गंगाधर को भेजते थे. आरोप है कि दोनो पेपर लीक केस में एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे.