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NEET पेपर लीक मामला : शिक्षा मंत्रालय में NTA के DG के साथ हो रही है बैठक


नई दिल्ली:

NEET पेपर लीक मामले को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आला अधिकारी नीट परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के DG के साथ बैठक कर रहे हैं. दूसरी ओर शिक्षा मंत्रालय ने पटना में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बुधवार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी है. बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और इस प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पटना में परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.”

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आज देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में कथित नीट (यूजी) पेपर लीक से जुड़े लंबित मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी. एनटीए की स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने मामले में अगली तारीख तक विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित मामलों की सुनवाई पर रोक का आदेश दिया. पीठ में न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी भी शामिल थे.

शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान एनटीए के ओर से उपस्थित वकील ने बताया कि पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसी तरह की स्थानांतरण याचिका पर नोटिस जारी किये जाने के बावजूद विभिन्न उच्च न्यायालयों में नीट (यूजी) परीक्षा में अनियमितताओं के कई मामलों पर सुनवाई हो रही है.

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इसके बाद पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा, “8 जुलाई 2024 को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करें… तब तक, उच्च न्यायालयों के समक्ष आगे की सुनवाई पर रोक रहेगी.”

सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरण याचिकाओं और परीक्षा रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक उम्मीदवार से जवाब मांगा था, जिसने नीट (यूजी) परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी. नीट (यूजी) परीक्षा में ग्रेस मार्क्स से जुड़े मामले का सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निस्तारण कर दिया गया है. एनटीए ने शीर्ष अदालत को बताया था कि जिन 1,563 छात्रों को समय के नुकसान की भरपाई के लिए ग्रेस मार्क्स दिये गये थे उनके ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिये गये हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने इन छात्रों को 23 जून को दोबारा परीक्षा में शामिल होने या अपने मूल प्राप्तांक के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग में शामिल होने का विकल्प दिया था.

बात दें यह परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. इसके नतीजे 14 जून को घोषित किये जाने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो जाने के कारण नतीजे 4 जून को ही घोषित कर दिये गए थे. (भाषा इनपुट के साथ)

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