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हजारीबाग में मिलीभगत से किया गया था NEET का पेपर चोरी : सीबीआई


नई दिल्ली:

नीट पेपर लीक केस में अभी तक की सीबीआई जांच पर सीबीआई का आधिकारिक बयान आया है. इसमें कहा गया है कि सीबीआई ने 23 जून 2024 से नीट पेपर चोरी और लीक मामले की जांच शुरू की. सीबीआई ने पटना के शास्त्रीनगर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 358/2024 केस को टेकओवर किया और जांच शुरू की. आईपीसी की धारा 407, 408, 409, 120बी के तहत दर्ज पटना पुलिस की एफआईआर को टेकओवर करके सीबीआई जांच शुरू हुई. 

जांच में पता लगा कि नीट पेपर झारखंड के हजारीबाग के OASIS स्कूल से 5 मई 2024 यानी पेपर वाले दिन सुबह पंकज उर्फ आदित्या उर्फ साहिल ने एक्सेस किया. पंकज मास्टमाइंड है जिसने स्कूल के प्रिंसिपल, एनटीए कॉर्डिनेटर, सेंटर सुप्रिंटेंडेंट वाइस प्रिंसिपल के साथ मिलकर पेपर चोरी किया.

पंकज फरार चल रहा था जिसकी लोकेशन ट्रेस करके उसे गिरफ्तार किया गया. स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुलहक, वाइस प्रिंसिपल और दूसरे एसोसिट्स को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. पटना में जले हुए पेपर के जरिए सीबीआई हजारीबाग के सेंटर तक पहुंची जहां से पेपर लीक हुआ था.

जिन ट्रंक में नीट पेपर हजारीबाग के सेंटर में 5 मई की सुबह लाए गए थे उन्हें सेंटर के कंट्रोल रूम में रखा गया. पेपर आने के कुछ मिनटों में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसपल अवैध तरीके से कंट्रोल रूम में  मास्टरमाइंड पंकज को भी अंदर ले गए. यहां पर आधुनिक टूल्स से ट्रंक को खोला गया और नीट के पेपर एक्सेस किए गए. इन टूल्स और ट्रंक को सीज किया गया. 

अवैध तरीके से चुराए गए पेपर्स को अलग-अलग मेडिकल स्टूडेंट्स से 5 मई को सुबह ही सॉल्वर गैंग से सॉल्व कराया गया और सिलेक्टेड स्टूडेंट्स, जिन्होंने पैसे दिए थे उनसे शेयर किया गया. सॉल्वर गैंग का हिस्सा अलग-अलग मेडिकल कॉलेज के मेडिकल स्टूडेंट्स को पहचाना गया और गिरफ्तार किया गया. 

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इन सॉल्वर्स स्टूडेंट्स को खास तौर पर 5 मई को हजारीबाग लाया गया. यह सभी लीक साजिश का हिस्सा है. पंकज ने इस क्राइम को प्लान किया और एक साजिश तैयार की कुछ और मास्टरमाइंड की पहचान करके उन्हें भी गिरफ्तार किया.

इस ग्रुप को एक दूसरा ग्रुप असिस्ट कर रहा था जिन्होंने केन्डिडेट्स के लिए जगह प्लान की थी, एक अलग ग्रुप केन्डिडेट्स को मोबलाइज करने में शामिल थे. जिन छात्रों ने अवैध तरीके से सॉल्व पेपर लिया उनकी पहचान करके लीगल एक्शन लिया गया. 

अभी तक की जांच में सीबीआई ने 33 जगहों पर छापेमारी की, 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनमें से 15 गिरफ्तारियां बिहार पुलिस ने की थीं. वे भी सीबीआई की कस्टडी में है. सीबीआई की जांच लगातार चल रही है.



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