न जाम, न सफर की थकान, हवा में 14 किमी बस खूबसूरत नजारे… जानें शिमला में बन रहे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रोपवे की खूबियां

शिमला:
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला देश और दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है. यह शहर सैलानियों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है, जहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं. लेकिन अब इस शहर की तस्वीर बदलने वाली है और इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका रोपवे की होगी. रोपवे के निर्माण से न केवल ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, बल्कि शहर की तस्वीर भी बदल जाएगी. लोग हवा में सफर करेंगे और शहर की सुंदरता का आनंद लेंगे.
आने वाले वक्त में शिमला की पहचान दुनिया के सबसे बड़े या लंबे रोपवे वाले शहर के रूप में होगी. इस रोपवे की बदौलत शिमला शहर स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया सरीखे उन शहरों की सूची में शामिल होगा जहां कई किलोमीटर का सफर लोग हवा में करेंगे. जिससे यहां आने वाले लाखों पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सहूलियत होगी. शिमला में बनने वाला ये रोपवे दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा.
शिमला में एक नया रोपवे परियोजना, जो एशिया का सबसे लंबा और दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा. इस रोपवे की लंबाई 13.79 किलोमीटर होगी और इसका नाम तारा देवी शिमला रोपवे होगा. एनडीबी 80% फंडिंग प्रदान करेगी, जबकि राज्य सरकार 20% शेयर होगी. रोपवे में 660 कैबिन होंगे, जिनमें से प्रत्येक में 8-10 लोगों की क्षमता होगी. यह रोपवे शिमला और आस-पास के 15 स्टेशनों को जोड़ेगा और शिमला के आसपास के 60 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगा. इसके अलावा, रोपवे के लिए शिमला में 90 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे और रोपवे की ट्रॉली पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. यह परियोजना शिमला को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने में मदद करेगी.
शिमला में रोपवे परियोजना के लिए निम्नलिखित 15 स्टेशन होंगे:
1. मां तारादेवी स्टेशन
2. कोर्ट कॉम्पलेक्स चक्कर स्टेशन
3. टूटीकंडी पार्किंग एरिया स्टेशन
4. आईएसबीटी स्टेशन
5. टनल नंबर 103 स्टेशन
6. रेलवे स्टेशन
7. विक्ट्री टनल स्टेशन
8. ओल्ड बस स्टैंड स्टेशन
9. लक्कड़ बाजार एरिया स्टेशन
10. आईजीएमसी अस्पताल स्टेशन
11. संजौली स्टेशन
12. नवबहार स्टेशन
13. सचिवालय स्टेशन
14. लिफ्ट के पास बोर्डिंग एरिया स्टेशन
2 से 3 मिनट में कैबिन उपलब्ध हो जाएगा
शिमला रोपवे परियोजना की शुरुआती चरण में 222 कैबिन लगाए जाएंगे, जो बाद में कंप्लीट स्टेज पर 660 तक बढ़ाए जाएंगे. प्रत्येक कैबिन में 8 से 10 लोगों की ले जाने की क्षमता होगी. इसके अलावा, 2 से 3 मिनट के भीतर स्टेशन पर लोगों के लिए कैबिन उपलब्ध हो जाएगा. यह परियोजना पीपीपी मोड पर न्यू डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से बनाई जा रही है, जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार की भी हिस्सेदारी है.
शिमला रोपवे परियोजना की आरंभिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और न्यू डवलपमेंट बैंक ने इसके एडवांस टेंडर की मंजूरी दे दी है. इससे शिमला में कई बदलाव होंगे, जिनमें ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा, पर्यावरण साफ रखने में मदद और सैलानियों के लिए रोपवे की सैर का आकर्षण शामिल है. यह परियोजना शिमला की समर कैपिटल की तस्वीर को भी बदल देगी, जिससे शहर का विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.