"बिना किसी कारण…" : पश्चिम बंगाल में भीड़ के हमले को लेकर एनआईए का बयान

एनआईए ने कहा कि स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा प्रदान किए गए सुरक्षा कवर के तहत पांच स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें महिला कांस्टेबल भी शामिल थीं.
आखिरकार एनआईए ने पूर्वी मिदनापुर जिले में बम विस्फोट मामले में दो प्रमुख साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया. एनआईए ने कहा, सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने कहा कि बलाई चरण मैती और मनोब्रत जैना को गिरफ्तार करते वक्त एनआईए टीम पर हमले का उद्देश्य टीम को गिरफ्तारी की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए भूपतिनगर पुलिस स्टेशन पहुंचने से रोकना था.
ममता का NIA पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने एनआईए पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया है. बनर्जी ने कहा, “उन्होंने आधी रात को छापा क्यों मारा? क्या उनके पास पुलिस की अनुमति थी? स्थानीय लोगों ने उसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जैसी आधी रात को कोई अन्य अजनबी वहां आया होता. वे चुनाव से ठीक पहले लोगों को क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं? भाजपा क्या सोचती है, वे हर बूथ एजेंट को गिरफ्तार करेंगे? एनआईए को क्या अधिकार है? वे भाजपा का समर्थन करने के लिए यह सब कर रहे हैं, हम पूरी दुनिया से भाजपा की इस गंदी राजनीति के खिलाफ लड़ने का आह्वान करते हैं.”
साथ ही बंगाल की मुख्यमंत्री ने हमला शुरू करने वाले ग्रामीणों की जगह पर एनआईएकर्मियों पर भूपतिनगर के निवासियों पर हमले करने का आरोप लगाया.
आरोपियों को पुलिस स्टेशन ले जाते वक्त हमला : NIA
एनआईए ने अपने बयान में बनर्जी के आरोपों की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक आक्रामक भीड़ ने एनआईएकर्मियों पर हमला किया था जो आरोपियों को पुलिस स्टेशन ले जा रहे थे. आतंकवाद रोधी एजेंसी ने कहा, “हमले में एक एनआईए अधिकारी घायल हो गया और एक आधिकारिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया. एनआईए ने हमलावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.”
मनोब्रत जैना और बेलीचरण मैती बार-बार समन के बावजूद एनआईए के सामने पेश होने में विफल रहे थे. इसके बाद एनआईए ने कोलकाता में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया, जिसने 3 अप्रैल को एक आदेश में कहा कि आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के थे.
विशेष अदालत ने यह भी कहा था कि एनआईए “जितनी जल्दी हो सके जांच को आगे बढ़ाने और संदिग्धों/आरोपी व्यक्तियों के घरों की गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती के संबंध में सभी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.” आपराधिक प्रक्रिया संहिता, एनआईए अधिनियम और यूए(पी)ए के प्रावधान अब तक उचित और गहन जांच के लिए लागू हैं.”
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