देश

लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार पेश करने की जरूरत नहीं: पलानीस्वामी

अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी ने कहा कि इसी तरह, केरल में वाम मोर्चा ने जब लोगों से वोट मांगा तो उसने भी प्रधानमंत्री पद का कोई उम्मीदवार नहीं बताया था.

यहां एसडीपीआई की ‘वेलट्टम माथासरबिनमई’ (धर्मनिरपेक्षता को जीतने दें) रैली को संबोधित करते हुए पलानीस्वामी ने कहा कि एकमात्र जरूरत ‘अच्छा करने’, लोगों की सेवा करने और उनके हितों की रक्षा करने की है. संसद में, अन्नाद्रमुक अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए अपना समर्थन देगी.

उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक हमेशा अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा में एक ‘गढ़’ रही है. विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी ने सत्तारूढ़ द्रमुक के विपरीत तमिलनाडु और उसके लोगों के हितों की रक्षा के लिए कावेरी मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित की, जबकि द्रमुक ने ‘नाटक किया.’

उन्होंने कहा कि द्रमुक ने सत्ता में आने के बाद ‘नीट’ प्रवेश परीक्षा रद्द करने का वादा किया. उन्होंने कहा कि उसने अपना वादा आज तक पूरा नहीं किया है.

स्टालिन के इस आरोप को खारिज करते हुए कि ‘अन्नाद्रमुक भाजपा की गुलाम है’, पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी स्वतंत्र है और उसने कभी किसी इकाई को उसे अपना गुलाम बनाने की इजाजत नहीं दी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अन्नाद्रमुक ने कभी किसी अन्य पार्टी को गुलाम नहीं बनाया, जो भी पार्टी अन्नाद्रमुक के साथ जुड़ती है, वह आगे बढ़ती है, जबकि ‘द्रमुक’ के साथ जाने वाली पार्टियों को झटका लगता है.

अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी ने कहा कि द्रमुक के सहयोगी स्टालिन के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कोई मुद्दा नहीं उठा सकते. उन्होंने कहा, ‘अन्नाद्रमुक जाति और धर्म से परे है’ और यहां तक कि एक साधारण कार्यकर्ता भी शीर्ष पद पर जा सकता है.

यह भी पढ़ें :-  बीजेपी को साल 2022-23 में मिला 250 करोड़ रुपए से ज्यादा का चंदा: पोल वॉचडॉग

अन्नाद्रमुक नेता पलानीस्वामी ने कहा कि अतीत में उनकी पार्टी का भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन ‘उस समय की परिस्थितियों’ के मद्देनजर था. उन्होंने कहा कि हालांकि, अन्नाद्रमुक ने कभी भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया.

पलानीस्वामी ने दोहराया कि 2026 के विधानसभा चुनावों में भी अन्नाद्रमुक का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ कोई समझौता नहीं होगा. पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी के भाजपा से नाता तोड़ने के बाद भी स्टालिन ने बार-बार आरोप लगाया है कि अन्नाद्रमुक का भाजपा के साथ गुप्त गठबंधन है. उन्होंने कहा कि यह केवल द्रमुक अध्यक्ष की हताशा का परिणाम था क्योंकि उनकी पार्टी ने हमेशा अल्पसंख्यकों को धोखा दिया है.

निष्कासित नेता ओ पन्नीरसेल्वम का नाम लिए बिना, पलानीस्वामी ने कहा कि उन्होंने (पलानीस्वामी) पार्टी के भीतर कई दिक्कतों के बीच लोगों की सर्वोत्तम सेवा करने के लिए राज्य का नेतृत्व किया.

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button