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दुनिया

कोई माई का लाल छू नहीं सकता… जहर उगलता हाफिज और पुचकारता पाकिस्तान

कभी मुस्लिमों पर कत्लेआम के लिए इंडिया को अमेरिका ने दहशतगर्द नहीं कहा. उन्होंने मुसलमानों को दहशतगर्द कहा. इस जिहाद का नाम दहशतगर्दी रखा. और बुश ने सारी दुनिया से रो रोकर कहा ये दुनिया का सबसे बड़ा मसला है. आओ सब मिलकर इस दहशतगर्दी का खात्मा करें. दहशतगर्दी के नाम पर 2001 में 9/11 का बहाना बनाकर यह जंग शुरू की गई.

हाफिज सईद

लश्कर सरगना

मैं कहता हूं, कितने पागल हैं ये लोग (अमेरिका). उन्होंने अपने आप से भी सबक नहीं सीखा. 13 साल में जब तुम अफगानिस्तान आए थे तो क्या हालत थी. अब शिकस्त खाकर जा रहे हो. क्या इंडिया तुम्हें बचा लेगा. इंशा अल्लाह कोई नहीं बचा पाएगा. 

हाफिज सईद

लश्कर-ए-तैयबा सरगना

मसला फिर श्रीनगर तक नहीं रहेगा. यह मसला पठानकोट तक चला गया. उससे आगे जाएगा. कश्मीर में जो जंग हो रही है, अगर आगे बढ़ती है, तो इंडिया के लिए बहुत बड़ा खतरा बन जाएगी. 

अगस्त 2015, हाफिज सईद

लश्कर सरगना

मोदी तुरंत कश्मीर का मसला हल कर दें. अगर यह करने के लिए राजी नहीं हैं, तो इंशा अल्लाह कश्मीर दरवाजा होगा और गजवा ए हिंद परवान भरेगा. नवाज शरीफ मैं तुम्हें अल्लाह का हुक्म सुनाता हूं, अगर मोदी कश्मीर पर तैयार न हो तो फिर तुम उनकी (आतंकियों) मदद के लिए खड़े हो जाओ.

अगस्त 2015, हाफिज सईद

भाइयो, इराक और शाम (ईरान) के अंदर मुसलमानों से लड़ने के बजाय मैं आपको दावत देता हूं कि आप इजरायल के बॉर्डर के करीब बैठे हैं. जाओ इजरायली यहूदियों की ईंट से ईंट बजा दो. 

अगस्त 2015, हाफिज सईद

यह जंग जारी है. मोदी इंशा अल्लाह हम यह लड़ेंगे. और इंशा अल्लाह यह जंग हम कश्मीर में भी जीतेंगे. यह जंग हम हैदराबाद में भी जीतेंगे. हर जंग जीतेंगे.

दिसंबर 2018, हाफिज सईद

यह जहर उगलती जबान हाफिज सईद की है. लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सरगना. मुंबई हमले का मास्टरमाइंड. अमेरिका, इजरायल को खुली धमकी देकर भी पाकिस्तान में महफूज एक ग्लोबल टेररिस्ट.  क्या यह जबान हमेशा के लिए खामोश हो गई है? सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी पंजाब के झेलम में उसके अपने करीबी अबू कताल के साथ मारे जाने की खबर वायरल है. इसमें कितनी सच्चाई है, यह अभी साफ नहीं है. कुछ पाकिस्तानी सोशल अकाउंट्स से हाफिज के जिंदा होने का दावा किया जा रहा है. इससे पहले 2024 में भी हाफिज को जहर दिए जाने की खबर आई थी, जो सच नहीं निकली थी. 

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मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और कश्मीर में आतंक के आका का नाम है हाफिज सईद. दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान ने उसे कभी नजरबंद रखा तो, कभी गिरफ्तार किया. लेकिन वह हमेशा वहां के हुक्मरानों की आंखों का तारा बना रहा. नवाज से लेकर इमरान तक, वह खुलेआम मंचों से पाकिस्तानी हुक्मरानों को भारत के खिलाफ भड़काता रहा. अमेरिका, इजरायल को भी ललकारता रहा.    

‘कोई माई का लाल हाफिज को छू नहीं सकता’

उसके आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर बैन लगा, तो उसे रास्ता निकाला. जमात-उद-दावा का चोला पहन लिया. भारत के खिलाफ उसके जहरीले भाषणों से यूट्यूब और सोशल मीडिया भरा पड़ा है. कैसे हाफिज को पाकिस्तान में पाला-पोसा जाता रहा है, इसका सबूत यह वीडियो है, जब इमरान सरकार के मंत्री कैमरे में दुनिया के इस मोस्ट वॉन्टेड आतंकी के बारे में यह कहते हुए कैद हो गए थे कि कोई माई का लाल हाफिज साहब को छू नहीं सकता. देखिए… 

भारत को लेकर हाफिज के मंसूबे क्या हैं (अगर वह अभी भी जिंदा है) यह उसके भाषणों को सुनकर समझा जा सकता है. कश्मीर ही नहीं, वह हैदराबाद तक जंग की बात करता है. हाफिज सईद ने आतंक की दुनिया में कदम 1970 के दशक के आखिर में रखा. वह आतंक की ट्रेनिंग के लिए अफानिस्तान गया. उस समय कलकायदा वहां जड़ें जमा रहा था.

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लादेन का ‘गुरु भाई’ बना हाफिज  

अफगानिस्तान में हाफिज ने बिन लादेन के गुरु अब्दुल्ला आजम को पकड़ा. आजम उन दिनों अफगानिस्तान में अलकायदा के लड़ाकों की नर्सरी तैयार करने में जुटा था. आतंक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2005 में उसने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के कैंपों में तैयार हो रहे लड़ाकों को दूसरे मुल्कों में मिशन पर भेजने का प्लान बनाया. कश्मीर में भी उसकी दहशतगर्दी का मिशन तब तक शुरू हो चुका था.    

पाक में तैयार किया आतंक का लश्कर

हाफिज ने सऊदी अरब की यात्राएं कीं. लश्कर आतंकवादियों के इराक में घुसपैठ का ब्लू प्रिंट बनाया. 2006 में सईद पाकिस्तान में आतंकवादी कैंपों को मजबूत करने में जुट गया. आतंक की पाठशाला के साथ विदेशों से फंड जुटाने के काम भी वह लग गया. सईद ने पैसों के जुगाड़ के लिए लश्कर के एक ऑपरेटिव को यूरोप रवाना किया. जून 2006 में अफगानिस्तान में तालिबान की मदद के लिए क्वेटा में एक लश्कर का कैंप बनाया. 

यह भी हैरत बात रही कि दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका को हाफिज खुलेआम चुनौती देता रहा, लेकिन वह उसे जेल में डलवाने (सरकारी मेहमाननवाजी पढ़ें ) के सिवा उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाया. लश्कर ए तैयबा (LeT) सरगना हाफिज को 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया. 2012 में संयुक्त राष्ट्र ने सूचना देने वाले के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर के इनाम की पेशकश की, जिससे हाफिज सईद को कानून की गिरफ्त में लाया जा सके.

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पाक की सियासत में हाफिज का दखल

संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2001 और अप्रैल 2008 में उसके संगठन लश्कर और जमात-उत-दावा को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) घोषित किया. 25 नवंबर 2017 को वाइट हाउस ने अपने एक बयान में पुरजोर तरीके से पाकिस्तान में नजरबंद हाफिज की रिहाई की आलोचना की. उसे दोबारा गिरफ्तार करने और उस पर मुकदमा चलाने के लिए कहा गया. अमेरिका के विदेश विभाग ने भी 24 नवंबर 2017 को हाफिज सईद की रिहाई पर गहरी चिंता जताई. हालांकि इसका कोई असर पाकिस्तान के हुक्मरानों पर नहीं पड़ा. हाफिज के पाकिस्तान की सियासत में दखल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2024 के पाकिस्तान के आम चुनाव में उसे फिर सियासी चोला पहन पाकिस्तानी मरकज़ी मुस्लिम लीग (PMML) पार्टी बनाई और अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे. उसने अपने बेटे तहला सईद को भी चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन वह हार गया. 

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