चाय की महक चायवाले से बेहतर कोई नहीं समझ सकता: गुवाहाटी में बोले पीएम मोदी
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दो सौ बरस हुए जब असम में चाय के बाग़ान लगे. अंग्रेजों ने मध्य भारत से लोगों को लाकर चाय की खेती के लिए बसाया. वे अपने साथ अपनी संस्कृति और संस्कार लेकर आए और असम के हिसाब से खुद को ढाल लिया.
झूमोइर या झूमर चाय बाग़ान के मज़दूर और आदिवासियों का नृत्य है. गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियम में आठ हज़ार से ज़्यादा कलाकारों ने झूमोइर बिनंदिनी की अद्भुत प्रस्तुति दी.
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यह नृत्य खुले मैदान में होता है. नर्तक आधे गोले या सीधी लाइन में रहते हैं. इस दौरान महिलाएं संगीत की धुन पर एक दूसरे को थाम कर थिरकती हैं तो पुरुष गायक और संगीतकार की भूमिका में होते हैं. झूमोइर में संगीत के लिए ढोल, माडल, ढमसा, और बांसुरी जैसे वाद्य यंत्रों का प्रयोग होता है.
पिछली दो शताब्दियों में झूमोइर असम के चाय उद्योग का पर्याय बन चुका है. नृत्य प्रदर्शन शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने एक विशेष वाहन से स्टेडियम के अंदर का चक्कर लगाया और कलाकारों तथा दर्शकों का अभिवादन किया. झूमोइर प्रदर्शन के बाद राज्य की विशिष्ट सांस्कृतिक ‘थीम’ पर एक ‘लेजर शो’ का आयोजन किया गया.
पीएम मोदी का गुवाहाटी में भव्य स्वागत
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के दो दिवसीय दौरे पर लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और उनके कैबिनेट के सहयोगियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.
सीएम सरमा ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट में लिखा, “”असम में दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वागत करना सौभाग्य और सम्मान की बात है. प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण हमें विकसित असम के निर्माण के लिए प्रेरित करता है.”
অসমভূমিলৈ স্বাগতম!
It is a privilege and honour to welcome the world’s most popular leader Adarniya Shri @narendramodi ji to Assam.
Hon’ble Prime Minister’s vision drives us in our pursuit to build a Viksit Assam.
📍LGBI Airport, Guwahati pic.twitter.com/dyNmotNeZo
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 24, 2025
पीएम मोदी का स्वागत पारंपरिक ‘गमोसा’ (गमछा) से किया गया और विभिन्न जनजातियों और समुदायों के कलाकार उनका स्वागत करने के लिए रास्ते में खड़े थे.