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दादी बच्चे के लिए पूरी तरह अजनबी…: पोते की कस्टडी पर अतुल सुभाष की मां को SC से राहत नहीं


नई दिल्ली:

पोते की कस्टडी मामले में सुप्रीम कोर्ट से अतुल सुभाष की मां को अंतरिम राहत नहीं मिली है. बच्चे से मिलने की इजाजत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दादी बच्चे के लिए पूरी तरह अजनबी है. सुप्रीम कोर्ट ने निकिता और हरियाणा सरकार से हलफनामा मांगा. अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. जस्टिस बी वी नागरत्ना ने कहा कि मीडिया ट्रायल के जरिए मामले का फैसला नहीं होगा. कोर्ट में ट्रायल के जरिए होना है.

बच्चे की कस्टडी मांगने की याचिका पर सवाल

निकिता सिंघानिया को अभी दोषी साबित होना बाकी है. अदालत ने अतुल सुभाष की मां की बच्चे की कस्टडी मांगने की याचिका पर सवाल उठाया. ⁠सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चे ने दादी के साथ बहुत कम समय बिताया है. एक तरह से वो दादी से अजनबी है, ⁠हम इस मामले में कस्टडी के मुद्दे पर ही है. दरअसल अतुल सुभाष की मां की ओर से निकिता को दोषी बताया गया. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि अभी मामला बंगलूरू की कोर्ट में है. कानून को अपना काम करने दें.

अतुल सुभाष की पत्नी के वकील ने क्या कहा

अतुल सुभाष की पत्नी निकिता की ओर से वकील ने कहा कि वो पहले न्यायिक हिरासत में जेल में थीं. अब वो जेल से बाहर आई हैं. आज ही उसने बच्चे की कस्टडी ली है, उसे शर्त के मुताबिक हर शनिवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होना है. वो बच्चे को अपने साथ बंगलूरू ले जाएगी. अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उसकी मां सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं. अतुल सुभाष के चार साल के बेटे की कस्टडी को लेकर याचिका दाखिल की गई है. अतुल सुभाष के बेटे को कोर्ट में तलब करने की मांग की गई है.

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दादी ने पोते की कस्टडी की मांग की

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को इस हैबियस कारपस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई कर तीनों राज्यों को नोटिस जारी किया था. याचिकाकर्ता अतुल की मां अंजू मोदी ने अपने पोते यानी अतुल के साढ़े चार साल के बेटे की कस्टडी के लिए अर्जी लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई है. ये याचिका एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड कुमार दुष्यंत सिंह ने दाखिल की है जबकि इस पर वरिष्ठ वकील गौरव अग्रवाल ने बहस की.

बेटे के बारे में निकिता ने क्या बताया

याचिका में कहा है कि वो बच्चा कहां है ये किसी को भी पता नहीं है, क्योंकि हिरासत में मौजूद अतुल की पत्नी निकिता उस बच्चे का अता पता नहीं बता रही है. पत्नी के भाई अनुराग सिंघानिया और मां निशा सिंघानिया भी फिलहाल हिरासत में हैं. लिहाजा उनसे पूछताछ कर मासूम बच्चे की कस्टडी उनको यानी दादा दादी को सौंपी जाए. निकिता ने पुलिस को बताया कि बेटा फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है, उसकी कस्टडी निकिता के ताऊ सुशील सिंघानिया के पास है.

जबकि सुशील ने पुलिस को  बच्चे कस्टडी या उसके बारे में कोई भी जानकारी होने से सिरे से इंकार किया है. क्योंकि इस मामले का उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक तीनों राज्यों से संबंध है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट इसमें दखल दें. बच्चे  को बरामद कर कोर्ट के समक्ष लाया जाए.

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