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लड्डू विवाद में अब तिरुपति मंदिर का 'शुद्धिकरण'; चंद्रबाबू-जगन के आरोपों के बीच पवन की तपस्या

Tirupati temple laddu controversy: लड्डू विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर को सोमवार को “शुद्ध” किया गया.पुजारियों ने मंदिर में ‘महा शनि होम’ किया. पुजारियों ने कहा कि यह समारोह “मिलावट के दुष्प्रभावों को दूर करेगा और ‘प्रसादम’ के रूप में लड्डुओं की पवित्रता को बहाल करेगा और भक्तों की भलाई सुनिश्चित करेगा.” अनुष्ठान के बाद मुख्य पुजारियों में से एककृष्ण शेषचला दीक्षितुलु ने कहा, “सबकुछ शुद्ध हो गया है… मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि वे अब चिंता न करें. आएं और दर्शन करें और घर वापस ‘प्रसादम’ ले जाएं…” 

कितनी देर चली पूजा?

मंदिर को चलाने वाले सरकारी ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने कहा कि अनुष्ठान सुबह 6 बजे से चार घंटे तक चलता है, जिसमें विशेष रूप से उस रसोई पर ध्यान केंद्रित किया गया, जहां लड्डू बनता है. उन्होंने यह भी कहा कि ‘गाय के शुद्ध घी’ की खरीद की प्रणाली को बदल दिया गया है. इससे मंदिर के “लड्डुओं और अन्य प्रसादम के स्वाद में सुधार” हुआ है।

चंद्रबाबू-जगन में वार

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले हफ्ते इस विवाद को शुरू किया था. दरअसल, 17 जुलाई को गुजरात की एक लैब रिपोर्ट में मंदिर की रसोई से लिए गए घी के नमूनों में जानवरों का फैट मिला था. चंद्रबाबू ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष पुलिस टीम को आदेश दिया है. पढ़ें- “चंद्रबाबू नायडू आदतन झूठे”: लड्डू विवाद पर जगन रेड्डी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

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पवन कल्याण की तपस्या

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इस बीच, जन सेना नेता पवन कल्याण ने ‘प्रायश्चित’ के रूप में 11 दिन का उपवास रखा है और भारतीय जनता पार्टी ने अदालत की निगरानी वाली केंद्रीय व्यवस्था की मांग की है. पवन कल्याण ने रविवार को गुंटूर जिले के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में अपनी ‘तपस्या’ शुरू की.उप मुख्यमंत्री ने पूछा, “अगर कोई चर्च या मस्जिद शामिल होता… तो इससे राष्ट्रीय हंगामा खड़ा हो जाता. हिंदुओं से मुद्दे नहीं उठाने की उम्मीद क्यों की जाती है…” इस मामले में अब केंद्र सरकार भी इसमें शामिल हो गई है. पिछले सप्ताह स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की थी और खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा था कि तिरुपति मंदिर और हिंदू आस्था के अपवित्रता के मुद्दे को गंभीरता से लिया जाएगा और इसे तार्किक अंत तक पहुंचाया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें घी में पशु वसा के कथित उपयोग की जांच के लिए एक विशेष टीम की मांग की गई है. इसमें तर्क दिया गया कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन करता है, जो सभी भारतीयों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार की गारंटी देता है. मंदिर की रसोई में प्रतिदिन लगभग तीन लाख लड्डू बनाए जाते हैं, जिसमें लगभग 1,500 किलोग्राम में घी और काफी मात्रा में काजू, किशमिश, इलायची, बेसन और चीनी का उपयोग किया जाता है. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि घी तमिलनाडु के डिंडीगुल में एक आपूर्तिकर्ता से खरीदा गया था.

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