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अब कटरा से श्रीनगर की यात्रा होगी मात्र 3 घंटे में, जानिए कब शुरू होगी सेवा और कैसा होगा सफर

Katra To Srinagar Train:उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के पश्चात अब कई सालों का इंतजार खत्म हो जाएगा. जम्मू से श्रीनगर के बीच वंदे भारत चलने से कई घंटों की समय बचत होगी. कटरा से श्रीनगर की यात्रा अब केवल 3 घंटे में होगी. अभी सड़क से यात्रा में 6 से 7 घंटे लगते हैं. फिलहाल, वंदे भारत को कटरा से श्रीनगर के बीच चलाने की योजना बनायी गयी है. अभी वैली में श्रीनगर से लेकर संगलदान तक ट्रेनों का आवागमन होता है. अब , संगलदान से कटरा तक रेल लाइन चालू होने के बाद इन ट्रेनों को कटरा तक चलाया जा सकता है.

USBRL परियोजना के तहत वर्ष 2009 में काजीगुंड-बारामूला सेक्शन शुरू हो गया था. वर्ष 2013 में 18 किलोमीटर बनिहाल-काजीगुंड सेक्शन, वर्ष 2014 में 25 किलोमीटर ऊधमपुर-कटरा, वर्ष 2023 में बनिहाल से संगलदान और अब संगलदान से कटरा के बीच शुरू होने वाली है. दुनिया का सबसे ऊंचा रेल आर्च ब्रिज चिनाब ब्रिज इस परियोजना का हिस्सा है. टनल, पुल और वैली से अब रेल सफर और आनंदमय होगा.

जितेंद्र सिंह ने क्या कहा

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को कटरा से जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन सेवा का उद्घाटन करेंगे, जो 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक परियोजना के पूरा होने का प्रतीक होगा. रविवार को जम्मू में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी 19 अप्रैल को उधमपुर पहुंचेंगे. वह दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का दौरा करेंगे और उसका उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वह कटरा से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.”

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जम्मू-कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस कटरा से परिचालन शुरू करेगी, क्योंकि जम्मू रेलवे स्टेशन पर अभी नवीनीकरण का काम चल रहा है. अधिकारियों के अनुसार, रेल संपर्क परियोजना पिछले महीने पूरी हो गई थी. कटरा-बारामूला मार्ग पर ट्रेन का ट्रायल रन सफलतापूर्वक किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जनवरी में कटरा और कश्मीर के बीच ट्रेन सेवा को मंजूरी दी थी.

परियोजना 1997 में शुरू हुई थी

अधिकारियों ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस से जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय काफी कम होने की उम्मीद है, जिससे इस क्षेत्र के लिए आधुनिक और कुशल रेल सेवा उपलब्ध होगी. ट्रेन के शुरू होने से कश्मीर के लिए सीधी रेल कनेक्टिविटी की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी. वर्तमान में, घाटी के भीतर संगलदान-बारामूला मार्ग और कटरा से देश भर के विभिन्न गंतव्यों तक ट्रेन सेवाएं सीमित हैं.

अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर को रेल से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना 1997 में शुरू हुई थी, लेकिन चुनौतीपूर्ण भूवैज्ञानिक, स्थलाकृतिक और मौसम संबंधी स्थितियों के कारण इसमें कई देरी हुई. इस परियोजना में कुल 119 किलोमीटर तक फैली 38 सुरंगें शामिल हैं, जिनमें 12.75 किलोमीटर लंबी सुरंग टी-49 भी शामिल है, जो भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है.

927 पुल हैं

इसके अलावा, इसमें कुल 13 किलोमीटर तक फैले 927 पुल हैं, जिनमें प्रतिष्ठित चिनाब पुल सबसे अलग है. 467 मीटर के आर्च स्पैन के साथ 1,315 मीटर लंबा यह पुल नदी के तल से 359 मीटर ऊपर है – जो इसे एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा और दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च रेलवे पुल बनाता है.

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रेल मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को विशेष रूप से एंटी फ्रीजिंग सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है. यात्री और मालगाड़ियों से आगे चलने वाली बर्फ हटाने वाली ट्रेन यह सुनिश्चित करेगी कि इस रणनीतिक मार्ग पर ट्रेनें पूरे साल दिन-रात चलेंगी. इससे दोनों क्षेत्रों के बीच हर मौसम में संपर्क सुनिश्चित होगा. यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव देने के लिए, रेलवे ने इस परियोजना में कंपन रोधी भूकंपीय उपकरणों का उपयोग किया है क्योंकि यह क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से जोन-V में आता है.

 


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