अब अंतरिक्ष से सीधे मिलेंगे आपके फोन को नेटवर्क, US का सैटेलाइट लॉन्च कर ISRO पूरा करेगा ये सपना
नई दिल्ली:
भारत की पूरी दुनिया में एक अलग तरह से पहचान हो रही है. आर्थिक हो या सामाजिक, राजनीति हो या फिर विज्ञान, हम हर क्षेत्र में दुनिया से कदम कदम मिला कर चल रहे हैं. विज्ञान के क्षेत्र में इसरो एक नया कारनामा करने वाला है. दरअसल, अब मोबाइल कॉलिंग के लिए ट्रैडिशनल (पारंपरिक) नेटवर्ट या टावर की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब स्पेस से ही आप दुनिया के किसी भी क्षेत्र में कॉल कर सकते हैं. इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
बहुत जल्द अमेरिकी कंपनी इस सपने को हकीकत में बदलने की कोशिश कर रही है. इसमें साथ दे रहा है हमारा इसरो. भारतीय विज्ञान एवं प्रद्योगिकी मंत्री जीतेंद्र सिंह ने बताया था कि फरवरी या मार्च में हम अमेरिकी सैटेलाइट की लॉन्चिंग करेंगे. उन्होंने कहा कि ये मोबाइल संचार के क्षेत्र में एक क्रांति है. लांकि, ना तो इसरो के तरफ से और ना ही केंद्रीय मंत्री के तरफ से कोई आधिकारिक बयान आया है.
क्या खासियत है
- स्पेस से नेटवर्क मिलेगा, जा सरल होगा
- दुनिया में कहीं भी रह कर बात किया जा सकता है
- स्टारलिंक की तरह इंटरनेट की सुविधा रहेगी
- देखा जाए तो ये ग्लोबल सिम की तरह काम कर सकता है.
अमेरिकी मीडिया ने इस कंपनी की रिपोर्ट की थी, जिसमें इन्वेस्टर ने दावा किया था कि कंपनी जल्द ही दूसरा सैटेलाइट के बारे में सोच रही है. इस मुद्दे पर The Hindkeshariकी टीम AST SpaceMobile के सीईओ एबेल एवेलन से प्रतिक्रिया जाननी चाही, मगर उनसे इस मुद्दे पर बात नहीं हो पाई है.
कैसा होगा ब्लूबर्ड सैटेलाइट?
प्रत्येक ब्लूबर्ड उपग्रह में 64 वर्ग मीटर या फुटबॉल मैदान के आधे आकार का एंटीना होगा. उपग्रह का वजन लगभग 6000 किलोग्राम होगा और भारत का रॉकेट इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा.
क्या रहेंगी खासियतें?
- एएसटी स्पेसमोबाइल का मिशन ग्लोबल कनेक्टिविटी को बढ़ाना है.
- दुनिया भर में अरबों लोगों को बेहतरीन जिंदगी देनी है
- स्पेस से नेटवर्क के जरिए विश्व की दूरियों को कम करना है
इस मुद्दे पर इसरो के एक विशेषज्ञ ने कहा कि यह सैटेलाइट मोबाइल संचार के क्षेत्र में एक क्रांति लाएगा. एक्सपर्ट का कहना है कि कंपनी एक विशाल नेटवर्क बनाने की जुगत में है. इसरो विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि एएसटी स्पेसमोबाइल ने ब्लूबर्ड उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए भारत के फैट रॉकेट या प्रक्षेपण यान मार्क-3 की सेवाएं ली हैं.
अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा: “हमारा लक्ष्य सेलुलर ब्रॉडबैंड को लगभग हर जगह उपलब्ध कराना है ताकि आप बाकी दुनिया से जुड़ सकें – चाहे आप कहीं भी रहते हों या काम करते हों. हम लोगों को उन जगहों पर भी कनेक्ट रहने में मदद करना चाहते हैं जहाँ पारंपरिक नेटवर्क नहीं जुड़ पाते, जिसमें मौजूदा टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के विफल होने की स्थिति भी शामिल है.
हम वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में नई आबादी का स्वागत करने की उम्मीद करते हैं, जिससे काम, शिक्षा, सोशल नेटवर्किंग, स्वास्थ्य सेवा और बहुत कुछ के अवसर खुलेंगे. AST स्पेसमोबाइल के नियोजित समाधान के लिए सेलुलर सेवा प्रदाताओं को बदलने की आवश्यकता नहीं हो सकती है. हम ज़रूरत पड़ने पर अपने उपग्रहों को वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए दुनिया भर के मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों के साथ काम कर रहे हैं.”