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हे बदरी! हे केदार! तेरे द्वार तक आने का ये कैसा इम्तिहान

नई दिल्ली:

उत्तराखंड (Uttarakhand) की चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है. लेकिन यमुनोत्री और गंगोत्री धामों में क्षमता से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंच जाने से सरकार के दावों की पोल खुल गई है. रास्ते में तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं. जगह-जगह ट्रैफिक जाम है. हालत यह है की यात्रा रुक-रुक कर चल रही है. मीडिया में आ रही तस्वीर यह बताने के लिए काफी है कि किस कदर यमुनोत्री और गंगोत्री तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं. न सड़क पर चलने की जगह है और ना ही पैदल मार्ग में ही जगह है. सरकारी इंतजाम न काफी है. हालांकि उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) का कहना है कि भीड़ स्थानीय लोगों के कारण हो रही है. 

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यात्रा में भीड़ बढ़ी है. जो लोकल डोली वाले और गांव वाले भीड़ को बढ़ा देते हैं. इसलिए हमने जिलाधिकारी से बात की है कि इसको व्यवस्थित किया जाए और गंगोत्री और यमुनोत्री में भीड़ नहीं की जाए. 
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ट्रैफिक जाम से लोग परेशान

पहाड़ोंमें जहां तक नजर जा रही है गाड़ियों की लंबी-लंबी कतार लगी हुई है. यमुनोत्री हो या फिर गंगोत्री हर जगह ट्रैफिक जाम है. इस ट्रैफिक जाम में घंटों तक यात्री फंसे हुए हैं. वजह क्षमता से ज्यादा तीर्थ यात्री उत्तराखंड के चारों धाम पहुंच रहे हैं यात्रियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए यमुनोत्री में गेट सिस्टम लागू कर दिया है. 

उत्तरकाशी के एसपी अपर्ण यदुवंशी ने कहा कि जाम को लेकर वन वे सिस्टम चलाया जाएगा. गंगानी से ऊपरी इलाकों में ट्रैफिक जाम हो जाता है. इसलिए अब इंटरसेप्टर और ट्रैफिक पुलिस को तैनात किया जाएगा ताकि ट्रैफिक लगे तो तुरंत उसको ठीक किया जाए. 

यात्रियों से यात्रा टालने की अपील

तीर्थ यात्रियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए यात्रियों को अपनी यात्रा एक दिन रोकने तक की सलाह दी है. वहीं तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि यात्रियों के आने और जाने के लिए कम से कम 2 घंटे का गेट सिस्टम लागू किया जाना चाहिए. ताकि यात्रियों को दर्शन करने में कोई परेशानी ना हो.

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यमनोत्री के तीर्थ पुरोहित ने The Hindkeshariके साथ बात करते हुए कहा कि यात्रियों को कई घंटे रोका जा रहा है जो बिल्कुल गलत बात है इस तरह से नहीं रोका जाना चाहिए. दो-दो घंटे का गेट सिस्टम बनाकर यात्रियों को धाम में भेजना चाहिए. 

तीर्थ यात्री हैं परेशान

जाम और अव्यवस्था से यात्री परेशान हैं. उनका कहना है कि प्राइवेट बसों को जाने दिया जा रहा है छोटी गाड़ियों को रोका गया है. जो बिल्कुल का गलत बात है. पहले दिन में बहुत ट्रैफिक लग गया था. प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार है.

क्या सरकार पहले से नहीं थी तैयार? 

चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अचानक नहीं बढ़ी है. बल्कि श्रद्धालुओं के पंजीकरण से सरकार और प्रशासन को इस बात का अंदाजा हो जाना चाहिए था. और उसके मुताबिक इंतजाम भी किए जाने चाहिए थे. यानी सड़कों पर लगातार कई. किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम और श्रद्धालुओं की भीड़ इस बात के लिए काफी है. सरकार ने और प्रशासन ने चार धाम यात्रा को लेकर कोई पुख्ता तैयारी नहीं की है. 

उत्तराखंड सरकार ने कई अधिकारियों को किया तैनात

उत्तराखंड सरकार ने यात्रा मार्गों पर खास कर गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए चारों धामों के लिए उत्तराखंड के सीनियर आईएएस अधिकारियों को यात्रा के लिए नियुक्त किया है. जिसमें सचिन आर राजेश कुमार को रुद्रप्रयाग, सचिन एन एस पांडे को चमोली और सचिव रणजीत कुमार सिंह को उत्तरकाशी में यात्रा व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गयी है. इसके अलावा चार धाम यात्रा के लिए चमोली रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में एक-एक मजिस्ट्रेट भी तैनात करने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है. राज्य सरकार ने बद्रीनाथ धाम और चमोली जिले के लिए प्रतीक जैन मुख्य विकास अधिकारी  को यात्रा मजिस्ट्रेट बनाया है. वहीं उत्तरकाशी जिले के लिए मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी को यात्रा मजिस्ट्रेट बनाया है. इसके अलावा अंशुल सिंह को केदारनाथ धाम और रुद्रप्रयाग जिले का यात्रा मजिस्ट्रेट अधिकारी बनाया है.

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