चाय के बहाने हमने राजनीतिक पार्टियों को ONOE के लिए बुलाया: रामनाथ कोविंद

नई दिल्ली :
एक देश एक चुनाव को लेकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एक बार चुनाव हो गया तो फिर देश में कभी चुनाव नहीं होगा. वहीं जब सभी संवैधानिक संस्थाओं ने अलग-अलग समय पर एक देश एक चुनाव के पक्ष में अपनी राय दी हो तो फिर वन नेशन वन इलेक्शन संविधान के खिलाफ कैसे हो गया. देश के पूर्व राष्ट्रपति और एक देश-एक चुनाव कमेटी के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में यह कहा.
देश के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक विमर्श बनाने की कोशिश को लेकर न्यू दिल्ली डायलॉग ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में कॉन्क्लेव का आयोजन किया, जहां वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी बात रखी. इस कॉन्क्लेव में दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर योगेश सिंह, पूर्व मंत्री सत्यपाल सिंह, बीजेपी नेता सुनील देवधर, पूर्व दिल्ली हाइकोर्ट के जज एसएन ढींगरा, न्यू दिल्ली डायलॉग के संयोजक संजय कुमार समेत कई वक्ता इस कान्क्लेव में शामिल हुए.
32 राजनीतिक पार्टियों ने किया था समर्थन: कोविंद
एक देश एक चुनाव कमेटी के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद ने कहा, 47 राजनीतिक पार्टियों को हमने वन नेशन वन इलेक्शन की मीटिंग में बुलाया था. कई पार्टियां इस मीटिंग में नहीं आना चाहती थी. हमारी टीम ने उन्हें फोन कर कहा कि मीटिंग में नहीं ऐसे ही चाय पर आइए. जब वह लोग चाय पर आए तो फिर उन्होंने पाया की कमेटी के सदस्य पहले से ही मौजूद हैं. कुल 32 राजनीतिक पार्टियां ने इस विधेयक का समर्थन किया है और 15 राजनीतिक पार्टियों ने विरोध. उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश के इतिहास के सुधार में एक गेम चेंजर साबित होगा.
पीएम मोदी को मजाक में यह बोले थे कोविंद
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि, “विपक्षी राजनीतिक पार्टियां उन चीजों का विरोध करती हैं जो पीएम मोदी करते हैं. तो एक दिन मैंने मजाक में पीएम से कहा था कि वो एक बयान दे दें कि हम एक चुनाव के पक्ष में नहीं हैं, तब विपक्षी राजनीतिक पार्टियां इसका समर्थन कर देंगी.”
एक देश एक चुनाव को लेकर हो रहे विरोध पर पूर्व राष्ट्रपति ने बिना नाम लेते हुए उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पार्टी की बात कही. उन्होंने कहा कि उस राजनीतिक पार्टी के मुखिया ने पहले सदन में कहा था कि एक साथ चुनाव होना चाहिए और वह उसके समर्थन में है लेकिन अब वहीं पार्टी इस विधेयक का विरोध कर रही है.
एक देश एक चुनाव को लेकर बनी लोक लेखा समिति (पीएसी) में 39 सदस्य हैं. इस कमेटी का मंगलवार को लोकसभा में कार्यकाल बढ़ा दिया गया. पीएसी को लेकर पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, आमतौर पर पीएसी में 30 सदस्य होते हैं, लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन के विषय पर राजनीतिक पार्टियों में इतनी रूचि है कि इसमें 39 सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के लोग मीटिंग के अंदर कुछ बोलते हैं और बाहर कुछ और.
देश को ध्यान में रखकर इस विषय पर सोचें: सिंह
कॉन्क्लेव में वन नेशन वन इलेक्शन पर दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एक राज्य में एक सरकार के पांच साल के कार्यकाल में 4 बार चुनाव होता है इसलिए जरूरी है एक देश एक चुनाव हो, साथ ही जो खर्च है उसे रोका जा सके. उन्होंने कहा हमें देश को ध्यान में रखकर इस विषय पर सोचना चाहिए.
न्यू दिल्ली डायलॉग भारत के दृष्टि से महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों समेत एक देश एक चुनाव और वक्फ बोर्ड समेत कई विषयों पर काम करता है.