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एक देश, एक चुनाव : कमेटी ने 18000 पेज की रिपोर्ट बनाने से पहले 6 देशों के इलेक्शन प्रोसेस को समझा

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट सौंपने से पहले दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन और बेल्जियम सहित छह देशों की चुनाव प्रक्रियाओं का भी अध्ययन किया था. दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन और बेल्जियम के अलावा जर्मनी, जापान, इंडोनेशिया और फिलीपीन में भी एक साथ चुनाव होते हैं.

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कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च-स्तरीय समिति ने पहले कदम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की तथा इसके बाद 100 दिनों के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की बृहस्पतिवार को सिफारिश की.

समिति की रिपोर्ट के अनुसार एक साथ चुनाव विषय पर गौर करने के दौरान अन्य देशों की प्रक्रियाओं का भी तुलनात्मक विश्लेषण किया गया. इसका उद्देश्य चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं का अध्ययन करना और उन्हें अपनाना था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका में मतदाता नेशनल असेंबली (संसद) और प्रांतीय विधानमंडलों के लिए एक साथ मतदान करते हैं. हालांकि, वहां नगर निकाय चुनाव पांच साल के अंतराल पर प्रांतीय चुनाव से अलग होते हैं.

इसमें कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका में 29 मई को आम चुनाव होंगे जिसमें संसद के साथ ही प्रत्येक प्रांत के विधानमंडल के लिए मतदान किया जाएगा.

समिति की रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन में आनुपातिक चुनावी प्रणाली व्यवस्था है, जिसके तहत राजनीतिक दलों को उन्हें मिले मतों के आधार पर निर्वाचित सदन में सीट सौंपी जाती है.

इसमें कहा गया है, ‘उनके यहां ऐसी प्रणाली है जहां संसद (रिक्सडैग), काउंटी परिषदों और नगर परिषदों के लिए चुनाव एक साथ होते हैं. ये चुनाव हर चार साल में सितंबर के दूसरे रविवार को होते हैं जबकि नगरपालिका चुनाव हर पांच साल में एक बार सितंबर में दूसरे रविवार को होते हैं.

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इस समिति के सदस्य सुभाष सी कश्यप ने जर्मनी में संसद द्वारा चांसलर की नियुक्ति की प्रक्रिया के अलावा अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के मॉडल का समर्थन किया.

रिपोर्ट के अनुसार, ‘उन्होंने उस प्रक्रिया के बारे में भी बताया जो जापान में अपनाई जाती है. जापान में, प्रधानमंत्री को पहले संसद द्वारा नियुक्त किया जाता है और उसके बाद सम्राट उन्हें मंजूरी देते हैं. उन्होंने जर्मन या जापानी मॉडल के समान एक मॉडल अपनाने की वकालत की.”

इंडोनेशिया में 2019 से एक साथ चुनाव कराए जा रहे हैं, जिसके तहत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय विधायी निकायों के सदस्य एक ही दिन चुने जाते हैं.

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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