देश

कांग्रेस की एक 'चाल'… और बच गई हिमाचल सरकार : ये रणनीति आई सुक्खू की कुर्सी बचाने के काम

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 14 फरवरी को बजट सत्र की शुरुआत की गई थी. बुधवार को बजट पेश होने के पहले विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की. वो सीएम सुक्खू के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे और तख्तियां लहरा रहे थे. कई वार चेतावनी देने के बाद स्पीकर कुलदीप पठानिया ने पूर्व CM जयराम ठाकुर समेत 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया. इस बीच दोपहर 1 बजे सीएम सुक्खू ने मीडिया के सामने आकर इस्तीफा देने से इनकार कर दिया.

हिमाचल : सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया पद से इस्तीफा, बोले- “अपमानित किया गया”

बीजेपी के 15 विधायकों के सस्पेंड होने से कांग्रेस को कैसे मिला फायदा?

बीजेपी के 15 विधायकों के सस्पेंड होने का सीधा फायदा सुक्खू सरकार को मिला. क्योंकि सस्पेंड विधायकों ने संकटग्रस्त सत्ताधारी कांग्रेस को विधानसभा में कामकाजी बहुमत दे दिया. बहुमत की वजह से सुक्खू सरकार का बजट बिना किसी बाधा को पारित हो गया. क्योंकि बीजेपी के बाकी 10 विधायक भी स्पीकर के फैसले के विरोध में सदन से बाहर चले गए थे.

हमारी सरकार टर्म पूरा करेगी-सीएम सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, “बजट आज पारित हो गया. हमारी सरकार को गिराने की साजिश को नाकाम कर दिया गया है. कांग्रेस में सब संगठित हैं. हमारी सरकार 5 साल का टर्म पूरा करेगी.” बजट पारित करके मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार को किसी भी तात्कालिक परीक्षा से बचा लिया है. दूसरी तरफ, बीजेपी को 15 विधायकों के सस्पेंशन को लेकर स्पीकर के फैसले का मुकाबला करने के लिए कानूनी चुनौती दायर करनी होगी.

यह भी पढ़ें :-  "पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेंगे...": जम्मू-कश्मीर में हमलों को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने दी चेतावनी

सीएम सुक्खू ने भी बीजेपी के सामने एक बड़ी रेखा खींच दी है. उन्होंने बीजेपी पर कांग्रेस पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा, ”न तो किसी ने मुझसे इस्तीफा मांगा है. न ही मैंने किसी को अपना इस्तीफा सौंपा है. हम अपना बहुमत साबित करेंगे. हम जीतेंगे…” दूसरी ओर, जयराम ठाकुर ने बजट पारित करने को सुक्खू सरकार का रणनीतिक कदम बताया है.

6 बागी विधायकों मिला कारण बताओ नोटिस

स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस के 6 बागी विधायकों पर कार्रवाई से जुड़ा फैसला सुरक्षित रख लिया है. राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर कांग्रेस ने स्पीकर से इन विधायकों पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग की थी.

Explainer: कांग्रेस या बीजेपी… हिमाचल प्रदेश नंबर गेम में किसका पलड़ा भारी?

स्पीकर ने बताया कि संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंगलवार को इन विधायकों के खिलाफ पिटीशन फाइल की थी. इस पर विधानसभा सचिवालय ने दोनों पार्टियों को नोटिस करते हुए बुधवार को हियरिंग के लिए बुलाया था. स्पीकर ने कहा कि दोनों पक्षों को उन्होंने डिटेल में सुना. दोनों तरफ से जो तथ्य रखे गए, उन पर विचार करने के बाद उन्होंने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

विक्रमादित्य सिंह ने वापस लिया इस्तीफा

इस बीच कांग्रेस सरकार के लिए राहत भरी खबर भी आई. पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार पर अपने परिवार के अपमान का आरोप लगाया था. हालांकि, पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार रात इस्तीफा वापस ले लिया. सिंह सुक्खू सरकार में लोक निर्माण विभाग में मंत्री थे.

यह भी पढ़ें :-  महाराष्ट्र चुनाव में  RSS की 'स्पेशल 65' की एंट्री क्या बदल देगी पूरा समीकरण? महायुति को होगा कितना फायदा,  समझिए

हिमाचल प्रदेश में सियासी खींचतान के बीच सुक्खू सरकार का बजट ध्वनिमत से हुआ पास

बीजेपी के लिए सत्ता में उलटफेर करना आसान नहीं

हिमाचल की कांग्रेस सरकार में अंदरूनी कलह और बगावत के बाद भी बीजेपी के लिए यहां सत्ता में उलटफेर करना आसान नहीं है. हिमाचल में कुल 68 सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा 35 है. कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं. इनमें से 6 बागी हो चुके हैं. अगर इन बागी विधायकों को छोड़ दिया जाए, तो भी कांग्रेस के पास 34 विधायक रहेंगे. 3 निर्दलीय विधायक हैं, जो राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं. बीजेपी के 25 विधायकों के साथ अगर कांग्रेस के 6 बागी विधायकों और 3 निर्दलियों को जोड़ दिया जाए, तो ये संख्या भी 34 हो जाती है.

अगर कांग्रेस अपने 6 बागी विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दे देती है, तो ये विधायक बीजेपी के हक में वोट नहीं कर पाएंगे. जाहिर तौर पर बीजेपी सरकार नहीं बना पाएगी और सुक्खू सरकार बहुमत साबित कर देगी.

“मेरे इस्‍तीफे की बात अफवाह, हमारी सरकार 5 साल चलेगी”: CM सुखविंदर सिंह सुक्खू

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button