आपका एक कोरियर आया है… नोएडा की बुजुर्ग महिला को ब्लैकमेल कर कैसे लूट लिए 1.3 करोड़
नई दिल्ली:
नोएडा में अकेले रहने वाले बुजुर्गों को संभलकर रहने की जरूरत है. कोई भी झांसे में लेकर आपकी जिंदगीभर की जमा पूंजी ऐंठ सकता है. आजकल साइबर फ्रॉड (Cyber Crime) बहुत ज्यादा बढ़ गया है. बिना फिजिकल कॉन्टैक्ट में आए भी मीलों दूर बैठा स्कैमर आपसे ऑनलाइन ही ठगी कर सकता है. अगर आप बुजुर्ग हैं, तो ये काम उसके लिए और भी आसान हो जाता है. इसीलिए कुछ भी हो तो घरवालों से शेयर जरूर करें, किसी भी डर से बातों को मन में न दबाएं. ऐसा ही एक मामला नोएडा में भी देखने को मिला है. जालसाजों ने एक बुजुर्ग महिला से 1.3 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवा लिए.
13 जून से जालसाजों ने 5 दिन तक बुजुर्ग को वीडियो कॉल के जरिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ किए रखा. पुलिस क्लियरेंस देने के बहाने महिला को इस तरह से झांसे में लिया कि वह कुछ भी सोच और समझ ही नहीं पाई. आखिरकार जालसाज कामयाब हो गए. उन्होंने बुजुर्ग महिला से 1.3 करोड़ रुपए ऐंठ लिए. आरोपियों ने बुजुर्ग को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने की बात कहकर पहले ही इतना डरा दिया कि वह किसी को कुछ भी नहीं बता सकी.
बुजुर्ग को कैसे किया डिजिटल अरेस्ट?
जालसाजों ने 13 जून को सुचि अग्रवाल को फोन किया और बाताया कि वे लोग मुंबई के अंधेरी में मौजूद एक कोरियर फर्म से बोल रहे हैं. उनको एक पार्सल मिला है, जिसमें बुजुर्ग का आपत्तिजनक सामान रखा हुआ है. वहीं दूसरे जालसाजों ने खुद को जांच अधिकारी बताते हुए महिला से मुंबई आने को कहा. जालसाजों ने कहा कि अगर वह उनकी बात नहीं मानेंगी तो उनकी जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), मुंबई करेगी. इसके बाद बुजुर्ग ने अपने परिवार वालों से भी बात नहीं की और पांच दिनों के भीतर 1.30 करोड़ रुपए जालसाजों को ट्रांसफर कर दिए. इस घटना के बाद भी उन्होंने अपने पति को कुछ भी नहीं बताया और चुप रहीं.
पुलिस अधिकारी विवेक रंजन ने बताया कि गुरुवार को सुचि अग्रवाल पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाने पहुंचीं. उन्होंने बताया कि उन्हें एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया.फोन करने वाले ने क्या कहा?
महिला से कैसे लूटे 1.3 करोड़ रुपए?
जालसाज एक वीडियो कॉल के जरिए सुचि अग्रवाल से जुड़ गए और कहा, “अगर आप किसी कानूनी कार्रवाई में नहीं फंसना चाहतीं तो न तो एक मिनट के लिए भी कॉल डिस्कनेक्ट करें और न ही किसी को जांच की प्रक्रिया के बारे में बताएं.”
डर की वजह से सुचि अग्रवाल पांच दिनों तक कॉल पर रहीं और उनके पति को बिल्कुल भी भी शक नहीं हुआ. इस दौरान जब भी उनके परिवार से किसी भी सदस्य या दोस्त का कॉल आया तो उन्होंने काट दिया. क्यों कि बुजुर्ग महिला नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करना जानती थीं. उन्होंने पांच दिनों के भीतर किस्तों में 1.30 करोड़ रुपए जालसाजों को ट्रांसफर किए. संदिग्धों ने पूछताछ के बहाने उनक बैंक बैलेंस की जानकारी पहले ही ले ली थी.
5 दिन तक कॉल पर रही बुजुर्ग महिला, घरवालों से नहीं की बात
जैसे ही पांच दिन पूरे हुए जालसाज ने वीडियो कॉल को डिसकनेक्ट कर दिया और कहा कि उनको अगले 24 घंटों में पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मिल जाएगा. लेकिन जब उसनको कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला तो पता चला कि कॉल करने वाले का मोबाइल नंबर भी बंद है, तो उसे एहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी की शिकार हो गई हैं. इसके बाद उन्होंने अपनी आपबीती अपने पति को बताई. इसके बाद गुरुवार को दोनों साएबर क्राइम ब्राचं पहुंचे.
महिला की शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम ब्रांच ने आधी रात को में अज्ञात आरोपी के खिलाफ आईपीसी और आईटी अधिनियम की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी के लिए सजा) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से) के तहत मामला दर्ज किया. आरोपियों की तलाश की जा रही है.
अकेले रहने वाले बुजुर्ग सावधान!
पीड़ित बुजुर्ग महिला नोएडा सेक्टर 49 में अपने पति के साथ रहती हैं. उनका बेटा अमेरिका में रहता है. साइबर फ्रॉड होने के बाद 73 साल की सुचि अग्रवाल ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है, ये जानकारी नोएडा के सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर क्राइम) विवेक रंजन ने दी.