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कर्नाटक: सिद्धारमैया के नाम पर रोड रिनेमिंग का विरोध, विपक्ष ने खड़े किए सवाल


नई दिल्ली:

मैसूरु सिटी कॉरपोरेशन (MCC) परिषद द्वारा शहर की एक सड़क का नाम कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) के नाम पर रखने के प्रस्ताव का विपक्षी दलों ने विरोध किया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव में लक्ष्मी वेंकटरमणस्वामी मंदिर से आउटर रिंग रोड जंक्शन तक के केआरएस रोड के हिस्से का नाम ‘सिद्धारमैया आरोग्य मार्ग’ रखने का सुझाव दिया गया है. 

चामराजा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक हरीश गौड़ा के सुझाव पर, मैसूरु सिटी कॉरपोरेशन ने यह निर्णय 22 नवंबर को अपनी बैठक में लिया. इसके बाद, इस प्रस्ताव को पहले मैसूरु के उपायुक्त के पास रखा गया और फिर इसे परिषद की बैठक में पेश किया गया. 13 दिसंबर को, एमसीसी ने इस पर जनता से राय लेने के लिए एक नोटिस भी जारी किया था और 30 दिनों के भीतर विचार व्यक्त करने का अनुरोध किया था. 

सिद्धारमैया का गृह जिला है मैसूरू
बताते चलें कि सिद्धारमैया मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में हैं मैसूरू उनका गृह जिला है. जेडीएस ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. पार्टी ने कहा कि सिद्धारमैया एमयूडीए साइट आवंटन मामले में आरोपी हैं और लोकायुक्त पुलिस द्वारा जांच का सामना कर रहे हैं. जेडीएस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया, “मैसूरु सिटी कॉरपोरेशन में कोई निर्वाचित बोर्ड नहीं है. कांग्रेस सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों ने सिद्धारमैया के नाम पर सड़क का नाम रखने का निर्णय लिया है, क्योंकि वे उनके प्रति कृतज्ञ हैं.

जेडीएस ने आरोप लगाया कि “भ्रष्ट” मुख्यमंत्री के नाम पर सड़क का नामकरण न केवल ऐतिहासिक शहर मैसूरु बल्कि राज्य के लिए भी “विश्वासघात और अपमान” है. 

आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने भी किया विरोध
आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा, जिनकी शिकायत पर एमयूडीए साइट आवंटन घोटाले में मामला दर्ज हुआ था, ने कहा कि जिस सड़क का नाम सिद्धारमैया के नाम पर रखने का प्रस्ताव है, वह ऐतिहासिक है. उन्होंने बताया कि महाराजा नलवाड़ी कृष्णराज वाडियार ने अपनी बहन राजकुमारी कृष्णाजम्मन्नी और उनके बच्चों की टीबी से मृत्यु के स्मरण में वहां एक टीवी हॉस्पिटल स्थापित करने के लिए बड़ी भूमि दान की थी. 

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ऐसा करने का अधिकार नहीं: आरटीआई कार्यकर्ता 
 कृष्णा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “अधिकारियों ने एमयूडीए मामले में आरोपी सिद्धारमैया के नाम पर सड़क का नाम रखने का निर्णय लिया है, जबकि उनके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. कई नागरिकों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ आपत्ति जताई है. मैं भी इसे कानूनी रूप से चुनौती दे रहा हूं. अगर प्रस्ताव रद्द नहीं किया गया, तो हम इसे हाईकोर्ट में चुनौती देंगे और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे. 

सिद्धारमैया पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी पार्वती बी एम को मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) से 14 साइटों का अवैध आवंटन करवाया. सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू, जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदी और पार्वती को उपहार में दी, सहित अन्य को मैसूरु स्थित लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को विशेष अदालत के आदेश पर दर्ज एफआईआर में नामजद किया है. 

 


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