ऑनलाइन मंगवाई रस्सी… 2 दिन रहा शव के साथ : प्रेमी ने ऐसे उतारा ब्लॉगर प्रेमिका को मौत के घाट
बेंगलुरु:
बेंगलुरु के इंदिरा नगर में अपनी गर्लफ्रेंड माया गगोई की हत्या करने वाला आरोपी आरव अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. 19 साल की माया की निर्मम हत्या के पीछे आरव का असली मकसद क्या था, ये अभी भी रहस्य है. जानकारी के अनुसार आरव ने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल से नायलॉन की रस्सी मंगवाई थी और चाकू अपने साथ लेकर गया था.
बीते 23 नवंबर की रात आरव और माया पूर्वी बेंगलुरु के एक पेइंग गेस्ट अपार्टमेंट में साथ जाते हुए नजर आते हैं. इसके तीन दिन बाद, 26 नवंबर को पुलिस को माया की लाश उसके कमरे में मिली. माया के शरीर पर चाकू के गहरे घाव थे. खासकर उसके सीने पर किए गए वार इतने गंभीर थे कि उसकी मौत हो गई.
बेंगलुरु पुलिस के डीसीपी डी देवराज ने बताया कि कमरे से मिले दस्तावेजों से पता चला कि मृतका का नाम माया गगोई है और वह 19 साल की थी. उसके शरीर पर कई गहरे घाव थे. सबसे घातक चोट उसके सीने पर चाकू से वार की थी. उसके सिर और बाकी शरीर पर भी चोट के निशान थे. हमारी जांच में पता चला कि मुख्य संदिग्ध आरव है, जो केरल का रहने वाला है.
पुलिस की जांच में सामने आया है कि माया और आरव दोनों ही काउंसलिंग प्रोफेशन में थे और एक समय एक ही कंपनी में काम करते थे. उनकी दोस्ती के बारे में माया के परिवार, खासकर उसकी बड़ी बहन को जानकारी थी, जिसके साथ माया रहती थी. पुलिस का मानना है कि हत्या 23 या 24 नवंबर को की गई और आरव इसके बाद दो दिनों तक माया के शव के साथ उसी कमरे में रहा. आरव ने एक ऑनलाइन पोर्टल से नायलॉन की रस्सी मंगवाई थी, जिसकी डिलीवरी उसी पेइंग गेस्ट रूम में हुई. छुरी वह पहले से अपने साथ लेकर आया था.
बेंगलुरु पुलिस के डीसीपी डी देवराज ने बताया, ‘हमने पाया कि आरोपी आरव के पास पहले से एक चाकू था और उसने ऑनलाइन 2 मीटर लंबी नायलॉन की रस्सी ऑर्डर की थी. रस्सी की डिलीवरी रूम में हुई थी, जिसका कवर भी हमें वहीं मिला. इससे जाहिर होता है कि उसने इस हत्या की पूरी योजना बनाई थी. हालांकि, उसकी गिरफ्तारी के बाद ही सही जानकारी मिल पाएगी.’
हत्या का आरोप आरव पर है और घटनास्थल से मिले सबूत भी उसकी तरफ इशारा कर रहे हैं. हालांकि, माया की हत्या का मकसद अब भी साफ नहीं है. लेकिन किसी की हत्या कर उस शव के साथ कोई सामान्य शख्स कैसे रह सकता है. ऐसे में सवाल आरव कि मानसिक हालत को लेकर भी उठ रहे है कि आरव कहीं किसी मानसिक बीमारी का शिकार तो नहीं था. आरव की गिरफ्तारी के बाद ही सभी सवालों का जवाब मिल पाएगा.