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परिवार, जाति और पंथ से ऊपर उठकर केवल देश के बारे में सोचते हैं हमारे सैनिक : रक्षा मंत्री राजनाथ

कानपुर में वायु सेना स्टेशन पर पूर्व सैनिकों की एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि सैनिक हर भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं. उन्होंने कहा,”हमारे सैनिक परिवार, जाति और पंथ से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र के बारे में सोचते हैं. वे अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से निभाते हैं क्योंकि वे इस तथ्य को जानते हैं कि यदि राष्ट्र सुरक्षित है, तो सब कुछ सुरक्षित है. इससे उन्हें हर चुनौती का सामना करने की नैतिक शक्ति मिलती है.”

पूर्व सैनिकों को उनके निस्वार्थ कर्तव्य और बलिदान के लिए सम्मान देने और इन बहादुरों के परिजनों के प्रति एकजुटता को मजबूत करने के लिए भारत भर में कई स्थानों पर रविवार (14 जनवरी) को आठवां सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाया जा रहा है.

एक बयान में कहा गया कि इस दिन श्रीनगर, पठानकोट, दिल्ली, कानपुर, अलवर, जोधपुर, गुवाहाटी, मुंबई, सिकंदराबाद, कोच्चि और कई अन्य स्थानों पर पुष्पांजलि समारोह एवं भूतपूर्व सैनिकों की रैलियां आयोजित की गईं.

सिंह ने कानपुर में वायु सेना स्टेशन पर एक पूर्व सैनिक रैली को संबोधित करके समारोह का नेतृत्व किया, जिसमें लगभग 1,000 पूर्व सैनिकों ने भाग लिया. सिंह ने उनसे बातचीत की और मातृभूमि के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए नायकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया.

रक्षा मंत्री ने पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति रक्षा मंत्रालय की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना को लागू करने से लेकर स्वास्थ्य देखभाल और पुन: रोजगार प्रदान करने तक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पूर्व सैनिकों की भलाई सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

उन्होंने कहा कि जहां सरकार देश की प्रगति के लिए और अधिक प्रयास कर रही है, वहीं लोगों की भी यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सैनिकों और उनके आश्रितों को अपने परिवार की तरह मानें और यह सुनिश्चित करें कि वे हमेशा उनके साथ खड़े रहें. उन्होंने लोगों से सेवानिवृत्त और सेवारत सैनिकों का सम्मान करने की अपनी इच्छाशक्ति को और मजबूत करने की अपील की.

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सिंह ने कहा कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी, देश के प्रति समर्पण भाव, पेशेवर दृष्टिकोण और मानवता का न केवल पूरा देश, बल्कि पूरा विश्व सम्मान और मान्यता करता है.

उन्होंने कहा, ‘प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में लड़ने वाले हमारे सैनिकों की बहादुरी को दुनिया भर में सम्मान के साथ याद किया जाता है. हम, भारतीय भी न केवल अपने सैनिकों का, बल्कि अन्य देशों के सैनिकों का भी सम्मान करते हैं. 1971 के युद्ध में, 90,000 से अधिक पाकिस्तान के सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. हम उनके साथ जैसा चाहते, वैसा व्यवहार कर सकते थे. लेकिन, हमारी संस्कृति और परंपरा ऐसी है कि हमने पूरी तरह से मानवीय रवैया अपनाया और उन्हें पूरे सम्मान के साथ उनके देश वापस भेजा.”

इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और नायकों को उनके सर्वोच्च बलिदान और समर्पित सेवा के लिए श्रद्धांजलि दी. ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ जनरल अनिल चौहान,‘ एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ’, ‘मेंटेनेंस कमांड एयर मार्शल’ विभास पांडे और एयर ऑफिसर कमांडिंग, एयर फोर्स स्टेशन, कानपुर एयर कमोडोर एम के प्रवीण इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में से थे.

इस बीच भारतीय सेना के सूर्या कमान ने 14 जनवरी 2024 को लखनऊ में आठवां सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाया.

लखनऊ में जारी एक बयान में कहा गया कि भूतपूर्व सैनिक दिवस तीनों सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों के निस्वार्थ कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति उनके बलिदान के प्रति सम्मान दिखाने का एक अवसर है. यह उन बहादुर जवानों के परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने का भी अवसर है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए.

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इस अवसर पर सूर्या कमान के ‘जीओसी-इन-सी ‘लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि और वरिष्ठ भूतपूर्व सैनिकों ने मध्य कमान के युद्ध स्मारक स्मृतिका पर पुष्पांजलि अर्पित की और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद, सूर्या ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में भूतपूर्व सैनिक दिवस समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में लगभग 2200 वीर नारियों, पूर्व सैनिकों, वीरता पुरस्कार विजेताओं, सशस्त्र बलों के कर्मियों और नागरिक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया. इस अवसर पर पूर्व सैनिक वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया.

सभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के भूतपूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने भारतीय सेना के साहस और वीरता की सराहना की. पाठक ने यह भी कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने हमेशा हमारे देश की संप्रभुता पर किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब दिया है.

सूर्या कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रमणि ने देश की रक्षा में उनके योगदान के लिए सभी भूतपूर्व सैनिकों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि सूर्या कमान सभी पूर्व सैनिकों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर सक्रिय कदम उठा रही है.

भूतपूर्व सैनिक दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के पहले कमांडर-इन-चीफ, फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, ओबीई द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की मान्यता में मनाया जाता है. तीनों सेवाओं के भूतपूर्व सैनिक, वीरता पुरस्कार विजेता, वीर नारियां इस अवसर पर पूर्व सैनिकों की विधवाएं और वरिष्ठ नागरिक और सैन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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