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कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में अधिक सीट पर जीतेगी : पी चिदंबरम

उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की इस चुनाव में अहम भूमिका है और राज्य में किला अभेद्य बनाए रखने की उनकी क्षमता ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूती देगी.

चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैं सभी राज्यों के बारे में नहीं बोल सकता. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ‘इंडिया’ गठबंधन तमिलनाडु में शानदार जीत दर्ज करेगा. केरल में, दोनों मोर्चे (यूडीएफ और एलडीएफ) 20 सीट साझा करेंगे और भाजपा के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ेंगे. कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकारें लोकप्रिय हैं और पार्टी को 2019 से कहीं ज्यादा सीट पर जीत मिलेगी.” कांग्रेस ने 2019 के चुनाव में कुल 52 सीट पर जीत दर्ज की थी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन करने का उल्लेख करते हुए कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और दिल्ली से ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए उत्साहजनक रिपोर्ट है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विपक्षी दलों पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाना और उन्हें ‘‘भारत को तोड़ने पर आमादा हिंदू-विरोधी राजनीतिक नेताओं का समूह” कहना लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति है.

उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे विपक्ष को हिंदू-विरोधी के रूप में चित्रित करने और ‘हिंदुओं के रक्षक’ के रूप में नरेन्द्र मोदी को पेश करने की भाजपा की सोची-समझी रणनीति है. हिंदू धर्म खतरे में नहीं है. नरेन्द्र मोदी हिंदुओं से उस भय की कल्पना करने को कह रहे हैं, जिसका अस्तित्व नहीं है. ‘तुष्टिकरण’ भाजपा के अल्पसंख्यक विरोधी रुख का कूट शब्द है.”

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इस चुनाव में क्या ममता बनर्जी की अहम भूमिका होगी, चिदंबरम ने कहा, ‘‘निस्संदेह, इस चुनाव में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. पश्चिम बंगाल में किले को अभेद्य बनाए रखने की उनकी क्षमता ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूती देगी.”

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि कच्चातिवु का मुद्दा अब बंद हो गया है और सवाल किया कि यह मुद्दा उठाने के लिए भाजपा ने चुनाव के नजदीक का समय क्यों चुना.

उन्होंने कहा कि भाजपा ने केवल आम लोगों का ध्यान ‘‘भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहे चीनी सैनिकों” से हटाने के लिए ‘‘स्पष्ट रूप से राजनीतिक और चुनावी कारणों से” इस मुद्दे को उठाया है. चिदंबरम ने यह भी कहा कि कच्चातिवु मुद्दा उठाये जाने से ‘‘लाखों तमिल भाषी लोगों के हितों को गंभीर नुकसान होगा.”

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूछा, ‘‘कच्चातिवु अब बंद हो चुका मुद्दा है. इस पर 50 साल पहले समझौता हुआ था. मोदी 2014 से प्रधानमंत्री के पद पर हैं. उन्होंने पिछले 10 वर्षों में यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया?”

उन्होंने कहा, ‘‘यह मुद्दा अब इस तथ्य के आलोक में उठाया जा रहा है कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं, हमारे कई गश्त बिंदुओं पर नहीं जाने दिया जा रहा और चीनी अपने फायदे के लिए सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं.”

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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