दुनिया

पाकिस्तान के इस पत्रकार ने आर्मी के खिलाफ खूब लिखा, अब 'खुफिया एजेंटों की भीड़' ने घर से किया अगवा


इस्लामाबाद, पाकिस्तान:

पाकिस्तान में एक पत्रकार का बुधवार, 26 मार्च को इस्लामाबाद में उसके घर से अपहरण कर लिया गया. यह दावा उसके परिवार और वकील ने किया है. यह पाकिस्तान में प्रेस की स्वतंत्रता पर लेटेस्ट हमला है.

पत्रकार की सास ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि एक दर्जन से अधिक लोगों ने पत्रकार मुहम्मद वहीद मुराद के घर पर हमला किया और उसे अपने साथ ले गए.

मुराद ने लगातार पाकिस्तान में वहां की शक्तिशाली सेना की भूमिका की आलोचना की है. पाकिस्तान की राजनीति और वहां की अर्थव्यवस्था में सेना सबसे पावरफुल मानी जाती है.

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार मुराद के वकील इमान मजारी ने इस्लामाबाद के हाई कोर्ट में बुधवार को एक याचिका दायर की. इसमें आरोप लगाया गया कि अज्ञात लोग “संभवतः खुफिया एजेंसियों से” थे. वो डबल-केबिन ट्रकों में आए थे जिनका आमतौर खुफिया एजेंसी के अधिकारी  उपयोग करते हैं.

इमान मजारी ने बताया कि “उसके अपहरण का पैटर्न पहले जैसा ही था… अपहरणकर्ता, उनके काम करने का तरीका और जिस तरह से उन्होंने रात के अंधेरे में घर पर धावा बोला, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वे कौन हैं.”

बता दें कि पाकिस्तान के 77 साल के इतिहास में कई दशकों तक देश पर सेना का शासन रहा है. यहां की सेना की आलोचना को लंबे समय से खतरे की रेखा के रूप में देखा जाता रहा है. अधिकार समूहों ने इस्लामाबाद की गुप्त खुफिया एजेंसियों पर आलोचकों को “गायब” करने का आरोप लगाया है. जबकि सेना इस आरोप से इनकार करती है.

यह भी पढ़ें :-  छत्तीसगढ़: अवैध संबंध के शक में व्यक्ति ने पत्नी, तीन बच्चों की हत्या की, गिरफ्तार हुआ

पाकिस्तानी पत्रकारों ने हाल के वर्षों में बढ़ती राज्य सेंसरशिप की सूचना दी है और जनता सोशल मीडिया से इसकी अधिकांश खबरें लेने लगी है. पाकिस्तानी इंटरनेट मीडिया चैनल रफ्तार के संस्थापक फरहान मलिक को पिछले सप्ताह ही कड़े कानून के तहत “देश विरोधी पोस्ट और फर्जी समाचार” के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

यह उसी सप्ताह हुआ जब निर्वासित पत्रकार अहमद नूरानी के भाइयों को शक्तिशाली सैन्य प्रमुख के परिवार के बढ़ते प्रभाव के बारे में लिखने के बाद उनके पारिवारिक घर से अपहरण कर लिया गया था।

ऑनलाइन दुष्प्रचार के अपराधीकरण ने पाकिस्तान में भय फैला दिया है, और पत्रकार भी इस कानून की संभावित व्यापक पहुंच को लेकर चिंतित हैं. बता दें कि रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में पाकिस्तान 180 देशों में से 152वें स्थान पर है.



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button