'4 जून' के नाम से दहशत में पाकिस्तान! कांग्रेस और राहुल गांधी की क्यों कर रहा तारीफ? क्या हैं इसके सियासी मायने
भारत के चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री तो पहले ही हो चुकी थी. गुरुवार को बात मजबूत सरकार और कमजोर सरकार पर आ गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के आणंद में बीजेपी की रैली को संबोधित करते हुए फवाद चौधरी के उस बयान पर रिएक्ट किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ की थी. मोदी ने कहा, “पाकिस्तान और कांग्रेस की ये पार्टनरशिप अब पूरी तरह एक्सपोज हो गई है. देश के दुश्मनों को आज भारत में मजबूत सरकार नहीं चाहिए. उनको कमजोर सरकार चाहिए…ऐसी कमजोर सरकार जो मुंबई में आतंकी हमले के समय थी. डोजियर भेजने वाली सरकार.”
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फवाद चौधरी ने क्या कहा?
पाकिस्तान के बड़बोले नेता, पूर्व मंत्री और इमरान खान के करीबी फवाद चौधरी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो को री-पोस्ट किया था. ये वीडियो राहुल गांधी की रैली का था. इसमें वो पीएम मोदी पर निशाना साध रहे थे. फवाद चौधरी ने वीडियो को री-पोस्ट करते हुए कमेंट लिखा, ” Rahul on Fire.” पड़ोसी मुल्क से निकला “Rahul on Fire” वाला बयान सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गया. दिन चढ़ते-चढ़ते आग गुजरात की रैली तक पहुंच गई थी.
एयर स्ट्राइक का किया जिक्र
रैली में मोदी आगे कहते हैं, “कांग्रेस की कमजोर सरकार पाकिस्तान की सरकार को डोजियर देती थी. मतलब फाइल. फिर देश को बताते थे कि हमने पाकिस्तान को डोजियर दे दिया है. मोदी की मजबूत सरकार देखिए. हम डोजियर-वोजियर में समय खराब नहीं करते. आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं.”
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कांग्रेस के तरफदार क्यों बन रहे फवाद चौधरी?
इस बीच एक सवाल ये भी उठता है कि पाकिस्तान में सत्ता की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके फवाद चौधरी भारत में कांग्रेस के तरफदार क्यों बन रहे हैं? कहीं ये कांग्रेस के समर्थन से ज्यादा बीजेपी से घबराहट को तो नहीं दिखाता है? क्या पाकिस्तान को भी 4 जून यानी भारत में हो रहे लोकसभा इलेक्शन के रिजल्ट का इंतजार है?
पाकिस्तान के पास नहीं बचा है कोई मुद्दा
पाकिस्तान के साथ दिक्कत ये है कि वहां के नेताओं के पास इस वक्त कोई मुद्दा नहीं है. घर के अंदर और घर के बाहर पाकिस्तान हर मोर्चे पर जिस तरह से घिरा हुआ है, आज के पहले उसकी कभी इतनी बुरी हालत नहीं थी. चुनाव के बाद भी वहां राजनीतिक स्थिरता बहाल नहीं हो पाई है. पाकिस्तान खुद को हारा हुआ महसूस कर रहा है.
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अवाम का भी सब्र टूट रहा
मौजूदा हालत को देखकर पाकिस्तान की आवाम का भी सब्र टूट रहा. सना अमज़द कहती हैं, “हमारा पॉलिटिकल निजाम नाकाम है. हम ना तीतर हैं ना बटेर. स्टेट पॉलिसी है ही नहीं.” खैज़र नाम के शख्स का पाकिस्तानी हुकूमत से सवाल है, “इंडिया आपसे आगे निकल रहा है. इजरायल आगे है. आप इस्लामी ब्लॉक बनाने जा रहे थे. क्या हुआ?”
कई मोर्चों पर जूझ रहा
पाकिस्तान इस समय एक साथ कई मोर्चों पर जूझ रहा है. भारत में घुसपैठ कराना अब उसके लिए आसान नहीं रहा. अलग-अलग ग्लोबल मंच पर भारत पहले ही पाकिस्तान को अलग-थलग कर चुका है. अफगानिस्तान से सटे बॉर्डर पर भी तालिबान उसे बार-बार आंख दिखा देता है. बलूचिस्तान में क्रांति की लपटें अलग उठ रही हैं. PoK भी बार-बार इस्लामबाद को धमकी दे रहा है. इन सबके बीच पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली उसे खोखला किए जा रही है. जाहिर है पाकिस्तान को खुद में बदलाव लाने की जरूरत है, क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ भारत की पॉलिसी तो अटल है.
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बड़बोले बयान के लिए मशहूर हैं फवाद चौधरी
पाकिस्तान के जिस नेता ने राहुल गांधी की तारीफ की है. वो भारत विरोधी ज़हरीले बयानों के लिए भी कुख्यात हैं. ये वही फवाद चौधरी हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की संसद में सीना चौड़ा करके कबूल किया था कि पुलवामा के पाप को पाकिस्तान ने ही अंजाम दिया है.
पाकिस्तान को भारत से लगता है डर
पाकिस्तान को भारत से कितना डर लगता है? खुद पाकिस्तान की संसद में इस बात की गवाही दी गई. पाकिस्तान के एक सांसद ने बताया कि उसके विदेश मंत्री को डर था कि कहीं भारत हमला ना कर दे. लेकिन पाकिस्तान की इसी संसद में कुछ साल पहले एक और वाकया हुआ. पड़ोसी मुल्क ने खुलेआम ये स्वीकार किया कि पुलवामा में जो आतंकी हमला हुआ, वो पाकिस्तान ने ही कराया था.
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जाहिर है पुलवामा हमले को पाकिस्तान का गौरव बताने वाले फवाद चौधरी अगर राहुल गांधी की तारीफ करेंगे, तो कांग्रेस के विरोधी इसे कैसे जाने देंगे. वो भी तब, जबकि मौसम चुनावी है.